हिंदु धर्म
लेख
अखिल भारतवर्ष के कुंभपर्व का धार्मिक महत्त्व !
कुंभपर्व अत्यंत पुण्यकारी होने के कारण इस पर्व में प्रयाग, हरद्वार (हरिद्वार), उज्जैन एवं त्र्यंबकेश्वर-नासिक...
ब्रह्मा, विष्णु एवं शिवजी का रूप है प्रयागराज का...
अमेरिका अथवा अन्य किसी देश में कोई प्राचीन वस्तु मिलनेपर उसका विश्व में ढिंढोरा पीटा...
विश्व का सबसे बडा धार्मिक मेला : कुम्भ मेला
कुम्भ मेला एक प्रकार का धार्मिक मेला है । करोडों हिन्दुओं के जनसमूह की उपस्थिति...
कुंभमेले में विद्यमान कुछ परंपराएं तथा उनका इतिहास !
कुंभपर्व के समय आयोजित धार्मिक सम्मेलन में शस्त्र धारण करने के विषय में निर्णय होकर...
श्रीदत्त के चित्र में विद्यमान त्रिदेवों की कांति के...
वर्ष २०१९ के सनातन पंचांग के दिसंबर मास के पृष्ठपर श्रीदत्त का नया चित्र प्रकाशित...
परात्पर गुरु डॉ. जयंत आठवलेजी की कृपा से हो...
विज्ञान नहीं, अपितु अध्यात्म ही मानव की खरी उन्नति कर सकता है और उसे आनंद...
इंडोनेशिया में पग-पग पर दिखाई देनेवाले प्राचीन हिन्दू संस्कृति...
एक समय जहां समुद्रमंथन हुआ था, वह भूभाग आज का इण्डोनेशिया है ! १५ वीं...
मध्य प्रदेश के महान संत सर्वसंग परित्यागी प.पू. भुरानंदबाबा
इनमें से मध्य प्रदेश के प.पू. भुरानंदबाबा सनातन के प्रेेरणास्रोत संत भक्तराज महाराज के गुरुबंधु...
गुजरात के संत पू. वसंतराव जोशी का परिचय एवं...
पू. वसंतराव जोशी को बचपन से ही साधना में रूचि थी । वे ब्रह्मचारी थे...
वर्तमान बौद्ध राष्ट्र होते हुए भी भगवान श्रीविष्णु पर...
कंबोडिया ‘बौद्ध’ राष्ट्र होते हुए भी वहां के लोगों की भगवान श्रीविष्णु और भगवान शिव...
सप्तलोक की संकल्पना पर आधारित और प्रगत स्थापत्य शास्त्र...
१५ वीं शताब्दी तक इंडोनेशिया में हिन्दू राजाआें का राज्य था । किसी समय विश्वभर...
कल्याण का ऐतिहासिक त्रिविक्रम देवस्थान तथा हिन्दुआें को एकसंध...
कार्तिक शुद्ध चतुर्दशी को वैकुंठ चतुर्दशी के नाम से तथा इस मास की पूर्णिमा को...
मनुष्य को २३ पवित्र तीर्थस्थलों के दर्शन का पुण्य...
श्री अमरनाथ हिन्दुआें का मुख्य तीर्थक्षेत्र है । प्राचीन काल में उसे अमरेश्वर के नाम...
महर्षि अध्यात्म विश्वविद्यालय की ओर से सद्गुरु (श्रीमती) अंजलीजी...
एल्ला नगर से २ कि.मी. की दूरी पर ‘रावणा फॉल्स’ नामक एक प्रपात है ।...
सतना (मध्यप्रदेश) स्थित प्रसिद्ध श्री शारदा देवी शक्तिपीठ !
सतना, मध्यप्रदेश स्थित रामगिरि पर्वत पर श्री शारदा देवी का मंदिर है । श्री विष्णु...
कश्मीरी संस्कृति का भारतीयता !
पांचों खंडों और भूमंडल में पवित्रतम भूमि है, भारतवर्ष ! अनेक ऋषि-मुनियों, अवतारों और विद्वज्जनों...
कश्मीर का विविधांगी महत्त्व
प्राचीन काल से कश्मीर में उच्च संस्कृति का संरक्षण किया गया । विद्या-कला का उत्कर्ष...
रिसर्च में दावा – श्रीमद्भगवदगीता पाठ से ठीक हो...
भारत, बांग्लादेश और पाकिस्तान के शोधार्थियों के एक दल ने डायबिटीज को ठीक करने का...
शिवगंगा (तमिलनाडु) गांव के निकट भागंप्रियादेवी के स्थान पर...
लगभग प्रतिदिन अनेक मंदिरों में ले जाकर महर्षि हमसे भिन्न-भिन्न धार्मिक कृत्य करने के लिए...
श्री महालक्ष्मीदेवी के मंदिर में हुए किरणोत्सव का सूक्ष्म-परीक्षण
श्री महालक्ष्मीदेवी के मंदिर में आनेवाली कालानुरूप तारक-मारक तत्त्वों से सुसज्जित सूर्यकिरणें देवी के शक्तिरूपी...
नगर जनपद के श्रद्धास्थान २०० वर्ष प्राचीन ‘श्री विशाल...
महाराष्ट्र में स्थित ‘नगर’ शहर के ‘ग्रामदेवता’ मालीवाडा के श्री सिद्धिविनायक का मंदिर विशाल और...
वास्तविक गुरुके लक्षण क्या हैं ?
एक सर्वोत्तम शिक्षकके समान ही गुरुमें सर्व गुण विद्यमान होते हैं । गुरुका खरा गुण...
गुरुमंत्र किसे कहते हैं ? इससे आध्यात्मिक प्रगति शीघ्र...
गुरुमंत्र में केवल अक्षर ही नहीं; अपितु ज्ञान, चैतन्य एवं आशीर्वाद भी होते हैं, इसलिए...
गुरुसंबंधी आलोचना अथवा अनुचित विचार एवं उनका खंडन !
विश्व के आरंभ सेेें भूतल पर विद्यमान सनातन वैदिक धर्म (हिन्दू धर्म), हिन्दुओं के धर्मग्रंथ,...
गुरु का सांप्रतकालीन कर्तव्य क्या है ?
काल की आवश्यकता समझकर राष्ट्र तथा धर्मरक्षा की शिक्षा देना, यह गुरु का वर्तमान कर्तव्य...
सनातन संस्थाके आस्थाकेंद्र ‘प.पू. डॉ. जयंत आठवलेजी’ – द्रष्टा...
गुरु श्रीकृष्णने शिष्य अर्जुनको न केवल मोक्षप्राप्तिके लिए धर्म सिखाया; अपितु ‘धर्मरक्षाके लिए अधर्मियोंसे लडना...
गुरु-शिष्य संबंधित सामान्य शंकाओं का निरसन
सप्तसिंधु में नहाने से, अनेक तीर्थ करने से जो फलप्राप्ति होती है, वह सद्गुरु के...
खरा ध्यान किसे कहते हैं और इसके लिए गुरु...
कभी-कभी ध्यानमार्ग का अनुसरण करनेवाले योगी ध्यान का आधार लेते हैं; परंतु जो आत्मप्रेरित है,...
गुरुके कौन-कौनसे प्रकार हैं ?
८.१०.१९९५ के दिन इंदौरमें मैंने (डॉ. जयंत आठवलेने) बाबासे (प.पू. भक्तराज महाराजजीसे) कहा, ‘‘जब आप...
शिष्य के जीवन में गुरुका अनन्यसाधारण महत्त्व !
गुरु का महत्त्व ज्ञात होने पर नर से नारायण बनने में अधिक समय नहीं लगता;...
गुरु का छायाचित्र घर में लगाने से क्या लाभ...
गुरु के निरंतर स्मरण हेतु बैठक, रसोईघर अथवा कार्यालय इत्यादि में उनका छायाचित्र लगाया हो,...
शिष्य की अधोगति किन कारणों से होती है ?
गुरु के विषय में परिहासपूर्ण बोलने से शिष्य की अधोगति होती है । हम जैसे...
गुरु से क्या मांगें और क्या नहीं ?
हमारे गुरु सर्वज्ञ हैं । हमारे लिए क्या आवश्यक एवं उपयुक्त है, यह हमसे अधिक...
गुरु के प्रति व्यवहार कैसा हो ?
गुरु के समक्ष हाथ जोडकर खडे रहें, उनके ‘बैठो’ कहने पर बैठें । गुरु की...
गुरुप्राप्ति पश्चात पूजाघर में क्या परिवर्तन करें ?
पूजाघर में गुरु का छायाचित्र अथवा मूर्ति रखनी चाहिए । उसे प्रतिदिन पोंछकर, देवताओं की...
मयूरेशस्तोत्रम्
यह स्तोत्र साक्षात् ब्रह्माजी ने ही कहा है । इसकी फलश्रुति का वर्णन गणेश भगवान...
श्री गणेशजी के स्तोत्र !
‘गणपति अथर्वशीर्ष’ यह श्री गणेश का दूसरा सर्वपरिचित स्तोत्र है । ‘अथर्वशीर्ष’ का ‘थर्व’ अर्थात...
स्वामी वरदानंद भारतीजी के अनमोल विचार !
धर्म होगा, तो ही राष्ट्र्र में सुख, शांति होती है । धर्म यह आचरण का...
रावणवध के पश्चात ब्रह्महत्या का लगा पाप दूर हो,...
श्रीलंका के हिन्दू अधिकांश उत्तरी श्रीलंका में रहते हैं । इनमें से अधिकांश हिन्दू तमिल...
दक्षिण कैलास कहा जानेवाला श्रीलंका का तिरुकोनेश्वरम् मंदिर
रावणासुर के संहार के पश्चात श्रीराम पुष्पक विमान से अयोध्या लौट रहे थे, तब उनके...
दक्षिण कैलास कहा जानेवाला श्रीलंका का तिरुकोनेश्वरम् मंदिर
रावणासुर के संहार के पश्चात श्रीराम पुष्पक विमान से अयोध्या लौट रहे थे, तब उनके...
श्रीलंका में बढता हुआ बौद्ध पंथ का प्रभाव तथा...
बौद्ध पंथ एक उपासनापद्धति है तथा वह विशाल हिन्दू धर्म का ही एक अंग है,...
रामायणकाल का इतिहास प्राप्त तथा आज के दिन बौद्धों...
अधिकांश तमिल भाषियों की कुलदेवता कार्तिकेय स्वामी हैं । तमिलनाडू में कार्तिकेय स्वामी के ६...
गोमूत्र से कर्कव्याधी अच्छी हो सकती है ! –...
जुनागड कृषि विद्यापीठ के संशोधकों ने यह दावा किया है कि, गोमूत्र के कारण मुंह,...
श्रीलंका में जहां सीतामाता ने अग्निपरीक्षा दी, उस स्थान...
महर्षि अध्यात्म विश्वविद्यालय की ओर से सद्गुरु (श्रीमती) अंजली गाडगीळजी तथा छात्र-साधकों द्वारा की गई...
सीतामाता तथा हनुमानजी के पदस्पर्श से पवित्रत तथा केवल...
रामायण में जिस भूभाग को लंका अथवा लंकापुरी कहा गया है, वह स्थान आज का...
स्वयंभू गणेशमूर्ति
श्री विघ्नेश्वर, श्री गिरिजात्मज एवं श्री वरदविनायक की मूर्तियां स्वयंभू हैं । बनाई गईं श्री...
अष्टविनायक
सिद्धटेक का श्री सिद्धीविनायक भीमा नदी पर बसे अष्टविनायकों का स्वयंभू स्थान है । इसका...
भक्तों के मन में भाव एवं भक्ति निर्माण करनेवाले...
यवतमाळ-नागपुर राज्य महामार्ग पर यवतमाळ से २३ कि.मी. के अंतर पर श्री क्षेत्र कळंब गांव...
थेऊर में स्थापित चिंतामणि गणपति (अष्टविनायकों में से एक)...
आकाशवाणी द्वारा हुए आदेश से महर्षि गृत्समद ने विदर्भ छोडकर पुणे जिले के थेऊर को...
मोरगांव के मयुरेश्वर : भूलोक में अधिक आनंद देनेवाले...
ब्रह्मदेव के कमंडल का पानी नीचे पृथ्वी पर छलका और कर्हा नामक नदी का उदय...
राजस्थान में सवाई माधोपुर के त्रिनेत्र श्री गणेश मंदिर...
समुद्र की सतह से २ सहस्र फुट की ऊंचाई पर रणथंभोर के जंगल की एक...
ईश्वर की साक्ष देनेवाला चित्तूर (आंध्रप्रदेश) का कनिपकम् विनायक...
आंध्रप्रदेश के चित्तूर जिले के कनिपकम् विनायक मंदिर का यह स्वयंभू गणेशमूर्ति अनेक आख्यायिकाआें के...
साक्षात् श्रीवामनावतार द्वारा स्थापित किए गए अदासा (जि. नागपुर)...
श्री गणेश क्षेत्रों में से अति प्राचीन विदर्भ की अदोष क्षेत्र में साक्षात् श्रीवामनावतार ने...
वसिष्ठऋषि द्वारा स्थापित केळझर (जिला वर्धा) में वरद विनायक...
वर्धा जिले के केळझर में वरद विनायक श्री गणपति का मंदिर है, जिसकी कीर्ति दूर-दूर...
प्रभु श्रीरामचंद्र के अस्तित्व से पावन हुए रामटेक (जिला...
प्रभु श्रीरामचंद्रजी के चरणस्पर्श से पावन हुआ नागपुर जिले का रामटेक पवित्र तीर्थक्षेत्र ! शैैवल्य...
महाल, नागपुर का जागृत श्री गणपति मंदिर !
नागपुर के महाल क्षेत्र में श्री गणपति का प्रसिद्ध और जागृत मंदिर है । नागपुर...
नागपुर का २५० वर्षों से भी अधिक प्राचीन और...
नागपुर शहर में मध्यवर्ती स्थित सिताबर्डी नामक टेकडी (पहाडी) पर यह मंदिर स्थित है ।...
हिन्दू धर्म की श्रेष्ठता दर्शानेवाली पद्मालय (जिला जलगांव) की...
जलगांव जिले की एरंडोल तहसील ! तहसील में निसर्गरम्य परिसर में पद्मालय नामक इस पवित्र...
आव्हाणे बुद्रूक (जिला नगर) की निद्रावस्था में दक्षिणोत्तर श्री...
नगर जिले के पाथर्डी गांव से १७ किलोमीटर के अंतर पर आव्हाणे बुद्रूक नामक गांव...
थेऊर (जिला पुणे) के श्री गणेशभक्त मोरया गोसावी की...
१४ वीं शताब्दी के महान गणेश भक्त मोरया गोसावी, भगवान गणेशजी की उत्कट भक्ति के...
नगर शहर में स्थित २०० वर्ष प्राचीन श्री विशाल...
नगर शहर के ग्राम देवता माळीवाडे के श्री सिद्धीविनायक विशाल गणपति का मंदिर अत्यंत जागृत...
इंडोनेशिया के बाली द्वीप पर स्थित विविध मंदिर और...
इंडोनेशिया के बाली द्वीप पर ८७ प्रतिशत लोग हिन्दू हैं । बाली के मंदिरों को...
छत्रपति शिवाजी महाराजजी कि प्रेरक शक्ति : राजमाता जिजाऊ...
वर्ष १५९५ में विदर्भ के सिंदखेडराजा नामक स्थान पर जीजाबाईका जन्म हुआ । उन्हें रामायण-महाभारत...
आध्यात्मिक स्तर की तथा मनुष्य जीवन के विविध अंगों...
इंडोनेशिया के लोग विविध प्रकार की विशेषतापूर्ण बाटिक नक्काशीवाले कपडों में घूमते हुए दिखाई देते...
हिन्दू देवताओं के चित्र अंकित विदेश के डाक टिकट,...
‘विश्व में ऐसे कई देश हैं, जिनके डाक टिकटोंपर, चलनी नोटोंपर हमें हिन्दू देवताआें के...
हिन्दू देवताओं के चित्रवाले विदेशी पोस्ट के टिकट, पोस्टकार्ड...
विश्व में ऐसे अनेक देश हैं, जिनके पोस्ट के टिकटों पर, चलन के नोटों पर,...
सनातन-निर्मित सात्त्विक श्री गणेशमूर्ती
श्री गणपतिके हाथकी लंबाई, मोटाई, आकार अथवा मुकुटकी कलाकृतियोंमें थोडा भी परिवर्तन करनेपर पूरे स्पंदन...
थाईलैंड का प्राचीन नगर – अयुद्धया
प्राचीन काल में जिसे श्याम देश कहा जाता था, वह भूभाग है, आज का थाईलैंड...
कंबोडिया के सीम रीप नगर में स्थित एशिया पारंपरिक...
महाभारत में जिस भूभाग का उल्लेख कंभोज देश किया गया है, वह भूभाग है आज...
दुर्गा सप्तशती ग्रंथ में दिया देवीकवच प्रतिदिन पढें !
पुणे के महान संत प.पू. आबा उपाध्ये के माध्यम से साढे तीन सहस्र वर्ष पूर्व...
कंबोडिया के ‘नोम देई’ गांव में भगवान शिव का...
‘महाभारत में जिस भूभाग को ‘कंभोज देश’ संबोधित किया गया है, वह भूभाग आज का...
कंबोडिया में समराई नामक समुदाय के लिए निर्मित भगवान...
हिन्दू साम्राज्य खमेर के समय समराई नामक एक समुदाय था । यह समुदाय परिश्रम के...
१२ वें शतक के अंत में जयवर्मन राजा (सांतवे)...
बापून मंदिर में जाने के पश्चात हम थाम मंदिर के परिसर के पूर्व की ओर...
कंबोडिया के ‘अंकोर थाम’ परिसर में बौद्ध और हिन्दू...
‘महाभारत में जिस भूभाग को ‘कंभोज देश’ संबोधित किया गया है, वह भूभाग आज का...
धर्माचरण का महत्त्व
इस लेख से हम धर्माचरण का असाधारण महत्त्व समझने का प्रयत्न करेंगे । इसी प्रकार,...
संत ज्ञानेश्वर महाराजजी द्वारा रचित ज्ञानेश्वरी के अनमोल ज्ञानमोती...
संत ज्ञानेश्वर महाराजजी द्वारा रचित ज्ञानेश्वरी के कुछ अनमोल ज्ञानमोती इस लेख में प्रसिद्ध कर...
प्राचीन भारतीय ज्ञानपीठोंका गौरवशाली इतिहास !
विद्यापीठ’ का विचार सर्वप्रथम भारत ने ही जगत को दिया । आज वही भारत पश्चिमी...
कंबोडिया के महेंद्र पर्वतपर उगम होनेवाली कुलेन नदी को...
वास्तव में कंभोज प्रदेश कौंडिण्य ऋषि का क्षेत्र था, साथ ही कंभोज देश एक नागलोक...
दुष्टों के निर्दालन के लिए ब्राह्म तथा क्षात्र तेज...
सत्ययुग में मत्स्य, कूर्म, वराह, नृसिंह तथा वामन ये श्रीविष्णु के ५ अवतार हुए ।...
११ वे शतक में यशोधरपुरा के राजे उदयादित्यवर्मन (दूसरे)...
अंकोर थाम परिसर के बॅयान मंदिर से कुछ दूरी पर हमें पिरॅमिड के आकार में...
सर्वश्रेष्ठ राष्ट्र निर्माण करनेवाली वैदिक शिक्षापद्धति !
प्राचीनकाल में हमारे देश में वैदिक शिक्षणपद्धति थी । इसलिए, उस समय भारत सर्वश्रेष्ठ राष्ट्र...
अंकोर वाट : राजा सूर्यवर्मन (द्वितीय) द्वारा कंबोडिया में...
हिन्दु राजा यशोवर्मन द्वारा स्थापित अंकोर नगरी का नाम यशोधरापुरा होना, आगे उसी वंश के...
कंबोडिया बौद्ध राष्ट्र होते हुए भी वहां का राजा...
‘महाभारत में जिस भूभाग को ‘कंभोज देश’ इस नाम से संबोधित किया जाताहै, वह अर्थात्...
स्वामी विवेकानंदजी का उनके गुरु के प्रति उत्कट भाव...
वर्ष १८९६ में स्वामी विवेकानंद आगनांव से (जहाज से) नॅप्लस से कोलंबो की ओर आ रहे...
विदेशी व्यक्तियों का स्पर्श होने पर सद्गुरु (श्रीमती) अंजली...
सद्गुरु(श्रीमती) अंजली गाडगीळ महर्षि अध्यात्म विश्वविद्यालय की ओर से दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों की आध्यात्मिक अध्ययन...
भक्ति – भाव वृद्धिंगत करनेवाले, हनुमानजी के कुछ पराक्रमों...
बुद्धिजीवियो, आपके सामने केवल २ ही विकल्प हैं, एक तो आप हनुमानजी की भांति न्यूनतम...
समर्थ रामदासस्वामी और हनुमानजी की कथा से ज्ञात हुई...
सद्गुरु श्रेष्ठ हैं अथवा ईश्वर ? तीनों लोकों में सद्गुरु ही श्रेष्ठ हैं, उनके कृपाशीर्वाद...
समाजव्यवस्था दीर्घकाल तक सुसंगठित रखने में सक्षम धर्मशास्त्र !
हजारों वर्षों तक राजसत्ता होते हुए और न होते हुए भी समाज व्यवस्था दीर्घकाल तक...
गुरु समर्थ रामदास स्वामी के प्राण बचाने के लिए...
शिवाजी महाराज प्रत्येक गुरुवार समर्थ रामदासस्वामी के दर्शन कर ही भोजन करते थे । समर्थ...
हिन्दु नववर्ष का महाराष्ट्र तथा गोवा राज्यों में उत्साहपूर्ण...
चैत्र शुद्ध प्रतिपदा ! हिन्दुओं का इस कलियुग का ५१२० वा नूतन वर्ष आज आरंभ...
भारतीय संविधान तथा मनू द्वारा बताए शाश्वत मूल्य !
हिन्दू धर्म छोडकर शेष सभी पंथों को चौखट में बांध सकते हैं अथवा उनकी व्याख्या...
नासिक में गोदावरी नदी सूख जाने से नदी में...
नासिक से २५ कि.मी दूर स्थित गांव में अकाल के कारण गोदावरी नदी सूख गई...
महादेव के सामने नंदी नहीं हैं, ऐसा त्रिलोक में...
नासिक वास्तव में पुण्यभूमि है । इस नगरी को साक्षात भगवान शिव, प्रभु श्रीरामचंद्र और...
बेटे को संन्यास से दूर रखने के लिए शास्त्र...
आद्य शंकराचार्य ने एक ३० वर्ष के युवक को संन्यास की दीक्षा दी । उसके...
श्री गणेश जयंती (माघ शुद्ध चतुर्थी)
गणेशलहरी जिस दिन प्रथम पृथ्वी पर आई, अर्थात जिस दिन गणेशजन्म हुआ, वह दिन था...
महर्षि अरविंद का भारतीय स्वतंत्रता के क्रांतिकार्य में सहयोग...
अलीपुर के सभागृह से मुक्त होने के पश्चात् कोलकात्ता के उत्तरपाडा में १० सहस्त्र श्रोताओं...
नगर के ऋषितुल्य संत ‘ॐ’कार योगी पू. (डॉ.) जयंत...
संपूर्ण जीवन ही ‘ॐ’कारमय होनेवाले तथा ‘ॐ’कार साधना द्वारा सर्वसाधारण लोगों को निरोगी रहने का...
भारत की सीमा की रक्षा करनेवाली जैसलमेर (राजस्थान) की...
श्री तनोटमाता मंदिर, राजस्थान राज्य के जैसलमेर जनपद से १३० किलोमीटर दूर थार मरुस्थल (रेगिस्तान)...
ज्योतिर्मय काशी (उत्तरप्रदेश) की श्री ब्रह्मचारिणी देवी
काशी के दुर्गाघाट पर श्री ब्रह्मचारिणी देवी का मंदिर है । शारदीय नवरात्रि के दूसरे...
५१ शक्तिपिठों मेंसे एक श्रीक्षेत्र काशी (उत्तरप्रदेश) की श्री...
श्रीक्षेत्र काशी के दशाश्वमेध किनारे पर श्री बंदीदेवी का मंदिर है । यह देवी ५१...
झारखंड स्थित विश्वविख्यात श्री छिन्नमस्तिका देवी का अति प्राचीन...
झारखंड की राजधानी रांची से ८० किलोमीटर दूर रामगढ जनपद के रजरप्पा गांव में श्री...
अतृप्त पूर्वजों से कष्ट के कारण तथा उसका स्वरूप
अधिकांश लोग साधना नहीं करते । अतएव वे माया में अत्यधिक लिप्त होते हैं ।...
श्री गणेशजी का कार्य, विशेषताएं एवं उनका परिवार
विभिन्न साधनामार्गों के संत विभिन्न देवताओं के उपासक होते हैं, फिर भी सब संतों ने...
श्री गणपति की उपासना
पार्वती द्वारा निर्मित गणेशजी महागणपति के अवतार हैं । उन्होंने मिट्टी से आकार बनाया तथा...
महान विभूति संत गोस्वामी तुलसीदास के स्पर्श से पावन...
गोस्वामी तुलसीदास ये उत्तरप्रदेशके महान संत हैं । उन्हें महर्षि वाल्मिकी ऋषि का अवतार कहा...
भगवतभक्ति का अनुपमेय उदाहरण अर्थात् संतश्रेष्ठ नामदेव महाराज !
८४ लक्ष योनियों के पश्चात् जीव को मनुष्य जन्म प्राप्त होता है, किंतु उस समय...
भगवतभक्ति का अनुपमेय उदाहरण अर्थात् संतश्रेष्ठ संत जनाबाई !
संत जनाबाई के पुण्यतिथी के उपलक्ष्य में भक्ति के अनुपमेय उदाहरण की साक्ष देनेवाली वस्तुओं...
श्रद्धा एवं भक्ति का उत्कट दर्शन करानेवाली जगन्नाथ रथयात्रा...
विश्वविख्यात पुरी की जगन्नाथ रथयात्रा अर्थात् भगवान श्री जगन्नाथ (विश्वउद्धारक भगवान श्रीकृष्ण) के भक्तों के...
‘हिन्दु’ इस नाम से परिचय देते समय मुझे अभिमान...
पाश्चात्त्य सिद्धांतों के अनुसार पाश्चात्त्य मनुष्य स्वयं के संबंध में कहते समय प्रथम अपने शरीर को...
खगोलशास्त्र और फलज्योतिषविज्ञान में अद्भुत शोध करनेवाले आचार्य वराहमिहिर...
बताया जाता है कि आचार्य वराहमिहिर का जन्म ५ वीं शताब्दी में हुआ था ।...
हिन्दू राष्ट्र की स्थापना के संदर्भ में परात्पर गुरु...
किसी भी कार्य के लिए उचित समय आवश्यक होता है । सन्तों को पता रहता...
प्रभु श्रीराम के चरणस्पर्श से पावन हुए चित्रकूट पर्वत...
प्रभु श्रीराम, १४ वर्ष का वनवास समाप्त कर और रावण को पराजित कर, चैत्र शुक्ल...
हिन्दू राष्ट्र की स्थापना के संदर्भ में परात्पर गुरु...
भारत में वर्ष २०२३ में ईश्वरीय राज्य अर्थात हिन्दू राष्ट्र स्थापित होगा । यह आज...
हिन्दू राष्ट्र की स्थापना के संदर्भ में परात्पर गुरु...
भारत में वर्ष २०२३ में ईश्वरीय राज्य अर्थात हिन्दू राष्ट्र स्थापित होगा । यह आज...
पाकिस्तान में है भक्त प्रल्हाद का मंदिर, जहां हुई...
भक्त प्रल्हाद ने भगवान नृसिंह के सम्मान में एक मंदिर बनवाया था जो वर्तमान में...
भारत श्रीयंत्रांकित राष्ट्र होने के कारण भारत को आध्यात्मिक...
हमारा भारत देश आरंभ से ही ‘श्रीयंत्रांकित’ है ! उपर का त्रिकोण हिमालय, अरवली एवं...
दो हिस्सों में बंटा है ये अर्द्धनारीश्वर शिवलिंग, शिवरात्रि...
यूं तो संपूर्ण भारत में ही शिव के अनेक मंदिर हैं किंतु उत्तराखंड और हिमाचल...
राजस्थान : भगवान लक्ष्मण के इस चमत्कारिक मंदिर को...
यहां भगवान लक्ष्मण का मंदिर है। इस मंदिर से चमत्कार की घटनाएं भी जुड़ी हुई...
२२२ सालों से लगातार जल रहा है रघुनाथ मंदिर...
अहमदाबाद में एक तेल का दीया ऐसा भी है जो पिछले २२२ वर्षाें से लगातार...
पाताल तक जाता है इस शिवलिंग पर चढाया गया...
भगवान शिव के कई प्राचीन मंदिर अत्यंत रहस्यमय भी हैं। छत्तीसगढ़ के खरौद नगर में...
यहां फेरे लेकर भगवान शिवजी ने किया था माता...
भगवान शिवजी को पति रूप में पाने के लिए देवी पार्वती ने कठोर तपस्या की...
यहां मिला २००० वर्ष प्राचीन शिवलिंग, आता है तुलसी...
शिवलिंग की सबसे बड़ी विशिष्टता यह है कि, इससे ऐसी बहुत सी ऐतिहासिक चीजें जुड़ी...
त्रैलंग स्वामी
त्रैलंग स्वामी जी एक हिन्दू योगी थे । वे गणपति सरस्वती के नाम से भी...
मध्यप्रदेश के सीहोर जिले में ग्यारहवी-बारहवीं सदी के मंदिरों...
पुरातत्व विभाग के तकनीकी दल ने मध्यप्रदेश के सीहोर जिले के जावर तहसील के ग्राम...
चैतन्यमयी गोदुग्ध, घी, गोमय एवं गोमूत्र का उपयोग कर...
गोसेवा से संतान प्राप्त होती है । गोबर का उपयोग खाद के रूप में करने...
गोपियुष : सुदृढ मानवीय शरीर हेतु ईश्वरप्रदत्त अनमोल देन...
गोपियुष अर्थात प्रसूती पश्चात ४८ से ७२ घंटों में गाय द्वारा प्राप्त प्रथम दूध ।...
भारतीय गाय (देशी गाय) और विदेशी गाय (जर्सी गाय)
कहते हैं जैसा बीज होता है, वैसा ही फल मिलता है । भारत संसार का...
थाईलैंड की राजकुमारी महाचक्री श्रींदोर्ण को विश्व संस्कृत पुरस्कार
संस्कृतभाषा के अध्ययन, प्रचार और अनुसंधान के लिए उत्कृष्ट योगदान के लिए थाईलैंड की राजकुमारी...
इस मुस्लिम देश में सदियों से जल रही मां...
वैष्णो देवी से लेकर कन्या कुमारी तक भारत में मां दुर्गा के बहुत से मंदिर...
१००० वर्ष पहले बने थे यहां २६ मंदिर, अब...
आशापुरी स्थित मंदिर देखने में भले ही छोटे हों, परंतु इनको बनाने में २०० साल...
श्रीविष्णु
ईश्वरने प्रजापति, ब्रह्मा, शिव, विष्णु एवं मीनाक्षी, इन पांच देवताओंसे (तत्त्वोंसे) विश्वकी निर्मिति की ।...
संत ज्ञानेश्वर की कालावधि में ‘सांपसीढी’ का खेल ‘मोक्षपट’...
मोक्षपट के दोनों ही पट २० x २० इंच आकार के हैं एवं उसमें ५०...
हिंदुत्व एक सामर्थ्यशाली संस्कृती है : डेविड फ्रॉली, अमेरिकी...
पद्म भूषण से सम्मानित अमेरिकी वैदिक टीचर डेविड फ्रॉली भारत में पंडित वामदेव शास्त्री के...
अनिष्ट शक्तीयों से बचना है तो स्वयं पर गौमूत्र...
गुजरात सरकारद्वारा बनाए गए गौसेवा और गौचर विकास बोर्डद्वारा गाय के फायदे बताते हुए कहा...
अर्धनारीश्वर शिवलिंग : शिवलिंग के दोनों भागों के बीच...
इसे विश्व का एकमात्र ऐसा मंदिर माना जाता है, जहां शिवलिंग दो भागों में बंटा...
श्री गणेश उपासना
जिस दिन श्री गणेश तरंगें प्रथम बार पृथ्वी पर आईं अर्थात जिस दिन गणेशजन्म हुआ,...
जगन्नाथ पुरी मंदिर की अाश्चर्यचकित करनेवाली कुछ खास बातें...
कहा जाता है कि मंदिर में बनने वाला प्रसाद ७ बर्तनों में बनता है, यह...
पाकिस्तानी सेना को धूल चटाने वाला जैसलमेर स्थित मां...
जैसलमैर से १२० किलोमीटर दूर और माता तनोट मंदिर से ५ किलोमीटर पहले माता घंटीयाली...
गुरुचरणों में प्रतिक्षण कृतज्ञता व्यक्त करना ही खरी गुरुदक्षिणा...
गुरु ही हमारे हृदय में वास कर हमारा प्रतिपालन करते हैं, हमारा हाथ पकडकर हमें...
भगवान श्रीकृष्ण की विशेषताएं एवं कार्य
श्रीकृष्ण द्वारा बताया हुआ तत्त्वज्ञान गीता में दिया है । उन्होंने अपने तत्त्वज्ञान में प्रवृत्ति...
गुरुकृपा होने के लिए गुरु पर पूर्ण श्रद्धा होना...
यदि किसी में लगन हो, तो उसे गुरु की कृपा अपनेआप मिलती है । गुरु...
भारत की स्वतंत्रता में आजाद हिन्द सेना का महत्त्वपूर्ण...
विश्वयुद्ध में अंग्रेज सेना को बडी हानि पहुंची थी । इसलिए ब्रिटेन से भारत में...
परिहारों की कुलदेवी : गाजणमाता मंदिर की महिमा
विशिष्ट फूलों में विशिष्ट देवता के पवित्रक, अर्थात उस देवता के सूक्ष्मातिसूक्ष्म कण आकर्षित करने...
मध्यप्रदेश : भारी वर्षा से शिवलिंग पानी में डूबनेपर...
भिंड – शहर में भगवान शिव का करीब ९०० वर्ष पुराने वनखंडेश्वर मंदिर में स्थापना...
फंड की कमी के कारण यहां रेत में ही...
जैसलमेर – जैसलमेर से १६ किमी की दूरी पर रेत की परतों के नीचे लोद्रवापुर...
११ हजार वर्ष प्राचीन है ‘स्वस्तिक’ चिन्ह – शोधकर्ताआेंका...
भारत के कई प्रतिष्ठित संस्थानों के शोधार्थियों का कहना है कि, स्वस्तिक आर्यन्स या सिंधु...
गीर की गायों के मूत्र में मिला सोना, संशोधकोंने...
इस समाचार से गोमाता का कितना महत्व है यह ध्यान में आता है ! अब...
यहां जब भी मुसीबत आने वाली होती है मूर्ति...
देवभूमि के नाम से विख्यात इस प्रदेश में देवी देवताओं से कई रोचक बातें भी...
रामायण के कुछ प्रसंगों का भावार्थ
१. भूमिकन्या सीता प्रसंग : भूमि जोतते समय सीता पाई गईं । भावार्थ : बालसीता...
धर्मो रक्षति रक्षितः – धर्माचरण में है वर्तमान सभी...
वर्तमान स्थिति को देखते हुए लगता है कि अब देश विनाश की ओर ही जानेवाला...
भगवान दत्तात्रेयके जन्मका इतिहास एवं कुछ नाम
दत्त अर्थात वह जिसने निर्गुणकी अनुभूति प्राप्त की है; वह जिसे यह अनुभूति प्रदान की...
भगवान दत्तात्रेयके गुरु एवं उपगुरु
जगतकी प्रत्येक वस्तु ही गुरु है; क्योंकि प्रत्येक वस्तुसे कुछ न कुछ सीखा जा सकता...
दत्तके कार्य एवं विशेषताएं
भगवान दत्तात्रेय गुरुतत्त्वका कार्य करते हैं, इसलिए जबतक सभी लोग मोक्ष प्राप्त नहीं कर लेते,...
दत्तात्रेय देवताका सात्त्विक चित्र
दत्तात्रेयके चित्रमें विद्यमान ४ श्वान चार वेदोंके प्रतीक होनेके कारण उनके स्थानपर आगे दिए अनुसार...
सनातन-निर्मित ‘दत्तात्रेयकी सात्त्विक नामजप-पट्टी’
सात्त्विक अक्षरोंमें चैतन्य होता है । सात्त्विक अक्षर और उनके चारों ओर निर्मित देवतातत्त्वके अनुरूप...
रुद्राक्ष
असली एवं नकली रुद्राक्षकी विशेषताआेंको समझने हेतु रुद्राक्षके लाभ, असली एवं नकली रुद्राक्षकी विशेषताएं तथा...
श्रीरामजीके उपासनाकी सामान्य कृतियां एवं उपासनाके विविध प्रकार
देवताके तत्त्वका निरंतर लाभ मिलता रहे, इस हेतु उनकी उपासना भी निरंतर होनी चाहिए और...
हनुमानजीको तेल, सिंदूर, मदारके फूल एवं पत्ते इत्यादि अर्पण...
देवताको विशिष्ट वस्तु अर्पित की जाती है, जैसे हनुमानजीको तेल, सिंदूर एवं मदारके फूल तथा...
हनुमानजीकी उपासना एवं उसका शास्त्राधार
हनुमानजीकी उपासना करनेसे शनिकी पीडाका निवारण होता है । हनुमानजीका नामजप करनेसे अनिष्ट शक्तिसे पीडित...
हनुमानजीके संदर्भमें मूर्तिविज्ञान एवं पूजाविधी
अधिकांशत: हनुमानजीका वर्ण लाल एवं कभी-कभी काला भी होता है । मारुतिके विविध रूप हैं...
श्रीरामरक्षास्तोत्र पठनसे होनेवाले लाभ
जिस स्तोत्रका पाठ करनेवालोंका श्रीरामद्वारा रक्षण होता है, वह स्तोत्र है श्रीरामरक्षास्तोत्र । जो इस...
श्रीरामनवमी उत्सव मनानेकी पद्धति
त्रेतायुगमें श्रीविष्णुके सातवें अवतार श्रीरामजीने पुष्य नक्षत्रपर, मध्याह्न कालमें अयोध्यामें जन्म लिया । वह दिन...
श्रीरामजीके कुछ नामोंका अर्थ तथा विशेषताएं एवं तदनुसार उनका...
श्री अर्थात शक्ति, सौंदर्य, सद्गुण इत्यादि, लंका विजयके पश्चात्, राम जब सीतासहित अयोध्यानगरी लौटे, तब...
शिवजी की उपासना पद्धतियां
शिवजी की परिक्रमा, नामजप कैसे करें ? महाशिवरात्रि का व्रत कैसे करें ? शिवजी की...
शिव उपासनांतर्गत पिंडीकी पूजा
शिवजीकी पिंडीको ठंडे जल, दूध एवं पंचामृतसे स्नान कराते हैं । शिवपिंडीकी पूजाके समय बिल्वपत्रको...
शिवपूजन में भस्म धारण का महत्व
यज्ञमें अर्पित समिधा एवं घीकी आहुतिके जलनेके उपरांत शेष बची पवित्र रक्षाको ‘भस्म’ कहते हैं...
शिवपिंडीकी विशेषताएं एवं कार्य
शिवजीसे प्रक्षेपित शक्तिशाली सात्त्विक तरंगें सर्वप्रथम नंदीकी ओर आकृष्ट होती हैं, तदुपरांत वातावरणमें प्रक्षेपित होती...
शिवजीकी उपासना एवं शृंगदर्शनकी पद्धति तथा उनसे होनेवाले लाभ
शिवजीमें पवित्रता, ज्ञान एवं साधना, ये तीनों गुण परिपूर्णतः विद्यमान हैं । इसलिए उन्हें ‘देवोंके...
गंगा प्रदूषित करना आध्यात्मिक दृष्टिसे अनुचित !
धर्म-शास्त्रानुसार गंगाकी पवित्रता बनी रहेगी, ऐसा ही प्रत्येकका आचरण होना चाहिए । गंगाकी पवित्रताकी रक्षाके...
कुंभमेलेमें सहभागी होनेवाले विभिन्न अखाडे !
सर्वत्रके कुंभमेलेमें एकत्र होनेवाले सर्व अखाडे उत्तर भारतके हैं । प्रत्येक अखाडेमें महामंडलेश्वर, मंडलेश्वर, महंत...
कुंभमेलेके मूल प्रयोजनका ध्यान रखें !
कुंभमेला धर्मचर्चा करनेके साथ ही श्रद्धालुओंका धर्मप्रबोधन करनेका महत्त्वपूर्ण स्थान है ।
श्रद्धालुओ, कुंभक्षेत्रकी पवित्रता तथा वहांकी सात्त्विकता बनाए रखनेका प्रयास...
कुंभक्षेत्र तीर्थक्षेत्र हैं । वहांकी पवित्रता तथा सात्त्विकता बनाए रखनेका प्रयास करना, यह स्थानीय पुरोहित,...
हरद्वार (हरिद्वार) स्थित विविध क्षेत्रोंकी महिमा
यह उत्तराखंड राज्यके गंगातटपर बसा प्राचीन तीर्थक्षेत्र है । हिमालयकी अनेक कंदराओं एवं शिलाओंसे तीव्र...
सिंहस्थ पर्वमें गोदावरीस्नान अत्यंत पवित्र क्यो माना गया है?
६० सहस्त्र वर्ष भागीरथी नदीमें स्नान करनेसे जितना पुण्य मिलता है, उतना पुण्य गुरुके सिंह...
कुंभमेला : हिंदू संस्कृति अंतर्गत समानताका प्रतीक
प्रयागराज (इलाहाबाद), हरद्वार (हरिद्वार), उज्जैन एवं त्र्यंबकेश्वरनासिक, इन चार स्थानोंपर होनेवाले कुंभमेलोंके निमित्त धर्मव्यवस्थाद्वारा चार...
कुंभमेलेका धार्मिक महत्त्व
करोडोंके जनसमूहकी उपस्थितिमें संपन्न होनेवाले कुंभक्षेत्रके मेले हिंदुओंका विश्वका सबसे बडा धार्मिक मेला है ।...
कुंभपर्व, कुंभपर्व उत्पत्तिकी कथा एवं उनका माहात्म्य
प्रयाग (इलाहाबाद) उत्तरप्रदेशमें गंगा, यमुना एवं सरस्वतीके पवित्र ‘त्रिवेणी संगम’पर बसा तीर्थस्थान है । गंगा...
ॐ नम: शिवाय
१. शिवजी के नामजप का महत्त्व ‘नमः शिवाय ।’ यह शिवजी का पंचाक्षरी नामजप है...
भगवान दत्तात्रेय
दत्त अर्थात वह जिसने निर्गुणकी अनुभूति प्राप्त की है; वह जिसे यह अनुभूति प्रदान की...
श्रीकृष्णतत्वसे संबंधित रंगोलीकी विशेषताएं एवं पूजाविधिमें अंतर्भूत कृत्योंका शास्त्राधार
त्यौहारके दिन वातावरणमें त्यौहारसे संबंधित विशिष्ट देवताका तत्त्व कार्यरत रहता है । विशिष्ट देवता तत्त्वको...
पंढरपुर के श्री विठ्ठल
श्री विठ्ठलकी प्रतिमाकी विशेषताएं को सभी भक्तिमार्गी संतोंने इनकी महिमाका वर्णन किया है । आषाढ...
भगवान श्रीकृष्ण
श्री हनुमते नम:
प्रभु श्रीरामजीका नामजप
श्रीविष्णु, श्रीराम एवं श्रीकृष्ण, अनेक श्रद्धालुओंके आस्थाकेंद्र हैं । कुछ हिंदुओंके ये सांप्रदायिक...
श्री हनुमान तत्त्वको आकृष्ट करनेवाली रंगोली
श्रीहनुमान के मारक तत्त्वको आकृष्ट करनेवाली रंगोली मध्यबिंदू से अष्टदिशांमें प्रत्येकी ५ बिंदू श्रीहनुमान के...
श्रीरामतत्त्वको आकृष्ट करनेवाली रंगोली
श्रीरामके मारक तत्त्वको आकृष्ट करनेवाली रंगोली १५ बिंदु : १५ रेखा श्रीरामके तारक तत्त्वको...
दत्तात्रेय के नामजपद्वारा पूर्वजों के कष्टोंसे रक्षण कैसे होता...
कलियुगमें अधिकांश लोग साधना नहीं करते, अत: वे मायामें फंसे रहते हैं । इसलिए मृत्युके...