‘भाषसु मुख्या मधुरा दिव्या गिर्वाणभारती । ’
ऐसा कहा जाता है कि तंजावुर में विश्व का सबसे बडा शिलालेख इसप्रकार लिखा गया है कि सीधे पढने पर रामायण और उलटा पढने पर महाभारत !
ऐसा कहा जाता है कि तंजावुर में विश्व का सबसे बडा शिलालेख इसप्रकार लिखा गया है कि सीधे पढने पर रामायण और उलटा पढने पर महाभारत !
भारतवासियों पर अंग्रेजी भाषा का बढता प्रभाव और उसका परिणाम चिंता का विषय है । प्रस्तुत लेख से यह ध्यान में आता है कि विदेशी नागरिकों को संस्कृत भाषा का महत्त्व समझ में आया; किंतु स्वभाषा के अमूल्य एवं अलौकिक ज्ञान से भारतीय कितने अनभिज्ञ हैं ।
उस वृक्ष से प्रतिदिन निर्धारित समय पर क्षमा मांगो । वृक्ष का दुलार करो, उसे सहलाओ और बातें करो ।
‘विषैले रासायनिक कीटनाशकों ने कृषि को नष्ट करनेवाले कीटों के साथ-साथ मच्छरों की संख्या कम करने में सहायता की, परंतु इन विषैले रसायनों के कारण अनेक उपयुक्त और हानिरहित प्राणियों और कीटों पर भी प्रतिकूल प्रभाव डाला है ।
शोध से पता चला है कि जब पेड-पौधों से पत्तियां तोडी जाती हैं, तो उन्हें वेदना होती है और वे चिल्लाते हैं । तेल अवीव विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने यह शोध किया है ।
वैदिक संस्कृत मंत्रों के उच्चारण से स्मरणशक्ति बढती है, अमेरिका के एक समाचार-पत्र ने ऐसा दावा किया है । इस समाचार के अनुसार डॉ. जेम्स हार्टजेल नामक न्यूरो शोधकर्ता ने अमेरिका की एक मासिक पत्रिका में अपना यह शोध प्रकाशित किया है ।
माध्यमिक पाठशालाओं के स्तर पर संस्कृत की शिक्षा विशेष विषय के रूप में स्वीकारना अनिवार्य है । इससे विद्यार्थियों में देश की प्राचीन संस्कृति तथा अपने पूर्वजों के साहित्य के प्रति जिज्ञासा उत्पन्न होगी । उनके मन और चरित्र पर सकारात्मक परिणाम होकर उनके शुद्ध ज्ञान में बढोतरी होगी ।
जनपद के मात्तूर गांव की भाषा संस्कृत होने से इस गांव के रहनेवाले मूल निवासियों में ३० प्राध्यापक बेंगळूरु, मैसूरु और मंगळूरु के विश्वविद्यालयों में संस्कृत पढा रहे हैं । विशेष बात यह कि इस गांव में प्रत्येक घर में न्यूनतम एक व्यक्ति संस्कृत का जानकार और तंत्रज्ञान क्षेत्र का अभियंता है ।
जिन्होंने अत्यंत प्रतिकूल परिस्थिति में बडा किया, बडे होने अथवा विवाह होने पर हम उनका द्वेष, तिरस्कार करते हैं, कभी भूल भी जाते हैं; परंतु उस समय हम यह भूलते हैं कि, ‘हम भी कभी बूढे अथवा वृद्ध होनेवाले हैं ।
विभक्त परिवार पद्धति, व्यक्ति के दोष, आर्थिक समस्याएं आदि विचारधाराओं के कारण वृद्धाश्रम चिंता का विषय बन गया है । इस आयु में ज्येष्ठ नागरिकों को प्रेम, ममता और अपनेपन की आवश्यकता होती है ।