पितृपक्ष का महत्व

व्यक्ति की मृत्यु के उपरांत उसकी आत्मा को सद्गति मिले, इसलिए श्राद्ध करना – यह हिन्दू धर्म का वैशिष्टय है । प्रत्येक वर्ष भाद्रपद मास के कृष्णपक्ष को (पितृपक्ष में) महालय श्राद्ध किया जाता है । श्राद्ध करने का महत्त्व, पद्धति, पितृपक्ष के नियम, पितृपक्ष में शुभकार्य करना निषिद्ध क्यों है, इसका कारण अवश्य जानेंं ।

हिंदु धर्ममें उल्लेखित ईश्वरप्राप्तिके मूलभूत सिद्धांतोंमेंसे एक सिद्धांत ‘देवऋण, ऋषिऋण, पितृऋण एवं समाजऋण, इन चार ऋणोंको चुकाना है । इनमेंसे पितृऋण चुकानेके लिए ‘श्राद्ध’ करना आवश्यक है । माता-पिता तथा अन्य निकटवर्ती संबंधियोंकी मृत्योपरांत, उनकी आगेकी यात्रा सुखमय एवं क्लेशरहित हो तथा उन्हें सद्गति प्राप्त हो, इस उद्देश्यसे किया जानेवाला संस्कार है ‘श्राद्ध’ । पितृपक्ष में क्या करना चाहिए ? पितृपक्ष क्या हाेता हैं ? इन सभी के बारें में अवश्य जान लें ।

पितृपक्ष में श्री गुरुदेव दत्त नामजप करें !

पितृपक्ष में भगवान दत्तात्रेय का नामजप करने से पितरों को शीघ्र गति प्राप्त होती है; इसलिए इस कालावधि में प्रतिदिन दत्त भगवान का नामजप न्यूनतम ६ घंटा (७२ माला) करें ।

१. श्री गुरुदेव दत्त तारक नामजप

२. श्री गुरुदेव दत्त मारक नामजप

३. ॐ ॐ श्री गुरुदेव दत्त ॐ ॐ तारक नामजप

४. ॐ ॐ श्री गुरुदेव दत्त ॐ ॐ मारक नामजप

यह विविध प्रकारके ‘श्री गुरुदेव दत्त’ के नामजप सुनने हेतु भेंट दे !

भगवान दत्तात्रेय के विविध प्रकार के नामजप

क्या पितृपक्ष में श्राद्ध करना आवश्यक है ?

श्राद्ध के प्रकार

पितृपक्ष संबंधी शंकानिरसन

दत्तात्रेय के नामजपद्वारा पूर्वजों के कष्टोंसे रक्षण कैसे होता है ?
श्राद्ध तिथिनुसार क्यों करें ?
क्या श्राद्ध कर्मकांड का आडंबर है ?
श्राद्धकर्म संबंधी आलोचनात्मक विचार एवं उनका खंडन
श्राद्ध : प्रश्नोत्तर
श्राद्ध कौन करें व कौन न करें ?
दसवें दिन कौए का पिंड को स्पर्श करना क्यों महत्त्वपूर्ण माना जाता है ?
श्राद्ध करने में अडचन हो, तो उसे दूर करने का मार्ग
श्राद्ध तीर्थक्षेत्र में करने की तुलना में घर पर करना अधिक लाभदायक
पितरों का ‘वार्षिक श्राद्ध’ और ‘पितृपक्ष में महालय श्राद्ध’ दोनों क्यों करना चाहिए ?
हिन्दू धर्म में छोटे बच्चों का श्राद्धकर्म न करने के कारण
‘कोरोना’ महामारी की पृष्ठभूमि पर शास्त्र के विधान के अनुसार निम्नांकित पद्धति से श्राद्धविधि करें !
अन्य पंथ तो पूर्वजों के लिए कुछ नहीं करते, फिर उन्हें कष्ट नहीं होता है क्या ?

पितृपक्ष संबंधी खंडन

व्हिडीओ (Video)

श्राद्ध से संबंधित विविध व्हिडिओ देखने हेतु Video playlist पर क्लिक करें !

 

  • पितृपक्ष में महालय श्राद्ध कब करें ?
  • ब्राह्मणस्वागत और अन्नप्रोक्षण
  • श्राद्धीय भोजन का पूर्वायोजन
  • महालय श्राद्धविधी का ब्राह्मणभोजन
  • तर्पण

 

हिन्दुओं के लिए धार्मिक शिक्षा की आवश्यकता !

हिन्दुओं के लिए धार्मिक शिक्षा की आवश्यकता बतानेवाला शासन प्रायोजित ऑनलाइन श्राद्ध !

हाल ही में एक हिन्दी मासिक में समाचार छपा था कि शासन की ओर से ऑनलाइन श्राद्ध की सुविधा दी गई है । उसे पढकर मेरी स्थिति इस पर हंसे अथवा रोएं जैसी हो गई । श्राद्ध प्रत्यक्ष किया जाता है, यह शासन की समझ में क्यों नहीं आता, इस बात का मुझे आश्‍चर्य हुआ । जब, ऑनलाइन भोजन अथवा विवाह नहीं हो सकता, तब श्राद्ध कैसे हो सकता है ? इस पर भी आश्‍चर्य की बात यह है कि यह सुविधा देनेवाला शासन हिन्दुत्वनिष्ठों का है ! मुझे आशंका है कि श्राद्ध के नाम पर हिन्दुओं से करोडों रुपए कमाने के लिए ही शासन का हिन्दूप्रेम जागृत हुआ है ।

– (परम पूज्य) डॉ. आठवले (१३.२.२०११)

धर्मप्रसार में सहभागी हों !

यह चित्र अपने व्हाट्सएप, फेसबुक, ट्विटर समान सोशल मीडिया के अकौंट पर अपलोड कर पितृपक्ष निमित्त धर्मप्रसार में सहभागी हों !

चित्र डाउनलोड करने के लिए यहां क्लिक करें !

‘कोरोना’ महामारी की पृष्ठभूमि पर श्राद्धविधि कैसे करें ?


अधिक वृत्त पढें …

This section is also available in : MarathiEnglish