मनुष्य को रात में अनिष्ट शक्तियों का कष्ट अधिक मात्रा में होने के पीछे का अध्यात्मशास्त्र !

पृथ्वी पर जिन भूभागों पर सूर्यप्रकाश पडता है, उस समय एवं उसके पश्चात भी कुछ समय के लिए सूर्य का वातावरण पर परिणाम सूक्ष्म रूप से टिका रहता है; कारण सूर्यप्रकाश में दैवीय अस्तित्व होता है । इसलिए सूक्ष्म से अनिष्ट शक्तियों को सूर्यप्रकाश से युक्त भूभागों पर कार्य करना कठिन होता है ।

साधक की दृष्टि (नजर) उतारने से पहले क्या प्रार्थना करें और उतारते समय कौनसा नामजप करें ?

दृष्टि उतारने से पूर्व की जानेवाली प्रार्थना ‘हे भगवन, आप हमसे ईश्वरीय राज्य की स्थापना करवा रहे हैं । यह कार्य शीघ्र से शीघ्र पूर्ण होने हेतु मुझे एवं सभी साधकों को व्याधिमुक्त कर हमें अच्छा स्वास्थ्य एवं जीवन दें, ऐसी आपके चरणों में प्रार्थना है !’

मानस दृष्टि कैसे उतारें ?

नामजपादि उपाय करने से पूर्व साधकों को मानस कुदृष्टि उतारने से कष्टदायक शक्ति का आवरण अल्प समय में दूर होने के कारण नामजप में एकाग्रता बढने में सहायता मिलेगी ।

रात में यदि नींद नहीं आती हो, तो आंखों पर से आवरण हटाकर आंखों की कष्टदायक शक्ति दूर करें !

नींद न आने का मुख्य आध्यात्मिक कारण आंखों पर होनेवाला कष्टदायक शक्ति का आवरण एवं आंखों में विद्यमान कष्टदायक शक्ति है ।’ कष्टदायक शक्ति के जडत्व के कारण नींद आते हुए भी आंखें बंद नहीं होतीं ।

आपातकाल में नमक-राई की कमी होने पर कुदृष्टि् उतारने की पद्धति

‘मैं एक साधक के लिए नामजपादि उपचार कर रहा था । उसका चैतन्य सहन न होने के कारण साधक का कष्ट अधिक बढ गया तथा उसके द्वारा मेरी ओर कष्टदायक शक्ति प्रक्षेपित होने लगी ।

कुदृष्टि उतारने की पद्धति का अध्यात्मशास्त्रीय आधार एवं अनुभूतियां

प्रार्थना के कारण देवता के आशीर्वाद से कुदृष्टिग्रस्त व्यक्ति की देह के भीतर और बाहर के कष्टदायक स्पंदन अल्पावधि में कार्यरत होकर कुदृष्टि उतारने हेतु उपयुक्त घटकों में घनीभूत होकर, तदुपरांत अग्नि की सहायता से अल्पावधि में नष्ट किए जाते हैं ।

नारियल से कुदृष्टि उतारने की पद्धति

कुदृष्टि उतारने की नारियल की क्षमता अन्य घटकों की अपेक्षा अधिक होने के कारण व्यक्ति की सूक्ष्म देह पर आया काली शक्ति का आवरण खींचने में नारियल अग्रणी माना जाता है ।

कुदृष्टि उतारने के लिए नमक और लाल मिर्च एक साथ प्रयोग करने की पद्धति

मिर्च की रज-तमात्मक तरंगें आकर्षित करने की गति राई की तुलना में अधिक होने के कारण स्थूलदेह और मनोदेह की कुदृष्टि उतारने में प्रायः मिर्च का उपयोग किया जाता है ।

कुदृष्टि उतारने के लिए नींबू प्रयोग करने की पद्धति

नींबू से कुदृष्टि उतारते समय उसके सूक्ष्म रजोगुणी वायु सदृश स्पंदनों को गति प्राप्त होने से, ये स्पंदन व्यक्ति पर आए रज-तमात्मक आवरण को अपनी ओर आकर्षित कर उन्हें घनीभूत करके रखते हैं ।