इंडोनेशिया के सुमात्रा द्वीप पर कपूर के वृक्षों की खोज में दुर्गम प्रवास
हमारे दक्षिण-पूर्व राष्ट्रों के दौरे पर जानकारी मिली की इंडोनेशिया के सुमात्रा द्वीप पर कपूर के वृक्ष हैं और उससे शुद्ध भीमसेनी कपूर मिलता है ।
हमारे दक्षिण-पूर्व राष्ट्रों के दौरे पर जानकारी मिली की इंडोनेशिया के सुमात्रा द्वीप पर कपूर के वृक्ष हैं और उससे शुद्ध भीमसेनी कपूर मिलता है ।
प्राचीन काल में नैनातीवू को नागद्वीप नाम से पहचाना जाता था । यहां शक्तिपीठ के स्थान पर देवी का एक मंदिर है । उस देवी का नाम नागपुषाणी देवी है ।
कैन्डी शहर के इस बौद्ध मंदिर के पिछले भाग में एक संग्रहालय है । १७ बौद्ध देशों ने इस संग्रहालय के लिए अपने-अपने देशों से विविध विशेषतापूर्ण वस्तुएं और प्रतिकृतियां (रेप्लिकाज) दी हैं । इस संग्रहालय में भारत का सबसे बडा दालान है ।
राष्ट्ररक्षा के लिए उस समय के राजा देवताओं की उपासना कर अपने सेना को तंत्र-मंत्र द्वारा आध्यात्मिक कवच प्रदान करते थे । वे राजा सेना और राष्ट्र की आध्यात्मिकदृष्टि से ध्यान रखते थे, यही इससे दिखाई देता है ।
प्राचीन काल में जिसे मलय द्वीप कहते थे, वह है आज का मलेशिया देश ! मलेशिया, अनेक द्वीपों का समूह है । मलय भाषा में अनेक संस्कृत शब्दों का उपयोग किया जाता है । मलय साहित्य में रामायण और महाभारत का संबंध दिखाई देता है ।
‘अगुंग पर्वत’ अर्थात धधकता और निरंतर जागृत ज्वालामुखी ! यहां प्रत्येक ५-१० मिनटों में राख का विस्फोट होता है । ३ सहस्र १०५ मीटर ऊंचे पर्वत पर यह ज्वालामुखी गत वर्षभर से जागृत है । इसलिए अनेक बार बाली द्वीप पर आपत्कालीन स्थिति निर्माण हुई है । बाली में हिन्दू इस पर्वत को पवित्र मानते हैं ।
काल की साक्ष्य में मंदिरों की रचना करने से आज अनेक शताब्दियां बीत जाने पर भी ये सर्व मंदिर शान से खडे हैं । उनके सौंदर्य का दर्शन करते हुए आंखें फटी रह जाती हैं और उनके वर्णन के लिए शब्द कम पड जाते हैं ।
७ वीं शताब्दी से लेकर १५ वीं शताब्दी तक जिन्होंने कंबोडिया पर राज्य किया, उस साम्राज्य को खमेर साम्राज्य कहते हैं । इस खमेर साम्राज्य के राजा स्वयं को चक्रवर्ती अर्थात ‘पृथ्वी के राजा’ समझते थे ।
तलैमन्नार के अंतिम छोर से २ कि.मी. चलते हुए जाने पर रामसेतु के दर्शन होते हैं । रामसेतु से देखने पर १६ छोटे द्वीप एकत्र होने समान ((द्वीपसमूह समान) दिखाई देते हैं ।) दिखाई देते हैं ।
राजा राम १ के बैंकॉक शहर में राजमहल बनवाने के पश्चात इसकी दीवारों पर रामायण के विविध प्रसंगाेंं के सुंदर चित्र रंगवाए हैं । चित्रों में राम, लक्ष्मण इत्यादि व्यक्तिरेखाओं के मुख और सभी के वस्त्र थायलैंड की पद्धतिनुसार हैं ।