



गुरु की आवश्यकता क्यों…
शिष्य के जीवन में गुरुका अनन्यसाधारण महत्त्व !
गुरु का महत्त्व ज्ञात होने पर नर से नारायण बनने में अधिक...
खरा ध्यान किसे कहते हैं और इसके लिए गुरु की आवश्यकता क्यों...
कभी-कभी ध्यानमार्ग का अनुसरण करनेवाले योगी ध्यान का आधार लेते हैं; परंतु...
गुरु का सांप्रतकालीन कर्तव्य क्या है ?
काल की आवश्यकता समझकर राष्ट्र तथा धर्मरक्षा की शिक्षा देना, यह गुरु...
गुरुकृपा होने के लिए गुरु पर पूर्ण श्रद्धा होना आवश्यक !
यदि किसी में लगन हो, तो उसे गुरु की कृपा अपनेआप मिलती...
शंकाओं का निरसन एवं अनुचित विचाराेंका खंडन !
गुरुमंत्र संबंधी भ्रांतिया
कई लोगोंके मनमें गुरुमंत्र संबंधी कुछ भ्रांतियां रहती हैं । आध्यात्मिक परिभाषा...
गुरुसंबंधी आलोचना अथवा अनुचित विचार एवं उनका खंडन !
यदि हमें मनुष्य जन्म मिला है । इस जन्म का मुझे सार्थक...
गुरु
गुरुके कौन-कौनसे प्रकार हैं ?
८.१०.१९९५ के दिन इंदौरमें मैंने (डॉ. जयंत आठवलेने) बाबासे (प.पू. भक्तराज महाराजजीसे)...
गुरुमंत्र किसे कहते हैं ? इससे आध्यात्मिक प्रगति शीघ्र होती है !...
गुरुमंत्र में केवल अक्षर ही नहीं; अपितु ज्ञान, चैतन्य एवं आशीर्वाद भी...
वास्तविक गुरुके लक्षण क्या हैं ?
एक सर्वोत्तम शिक्षकके समान ही गुरुमें सर्व गुण विद्यमान होते हैं ।...
शिष्य
शिष्य में कौन-से गुण होने आवश्यक हैं ?
आज्ञा की पृष्ठभूमि से शिष्य कदाचित अनभिज्ञ हो; परंतु उसे इस बात...
शिष्य
आध्यात्मिक उन्नति हेतु जो गुरु द्वारा बताई साधना करता है, उसे ‘शिष्य’...
गुरुकृपा किस प्रकार कार्य करती है ?
गुरु के किसी उद्देश्य के अथवा उनके द्वारा बताई गई किसी सेवा...
शास्त्रमें बताए गुरुद्रोह
गुरु के विषय में परिहासपूर्ण बोलने से शिष्य की अधोगति होती है...
गुरु के प्रति व्यवहार कैसा हो ?
गुरु के समक्ष हाथ जोडकर खडे रहें, उनके ‘बैठो’ कहने पर बैठें...
गुरुप्राप्ति पश्चात पूजाघर में क्या परिवर्तन करें ?
पूजाघर में गुरु का छायाचित्र अथवा मूर्ति रखनी चाहिए । उसे प्रतिदिन...
शिष्यभाव का महत्त्व
साधना में साधक के लिए शिष्यभाव में रहना बहुत महत्त्वपूर्ण होता है...
गुरुचरणों में प्रतिक्षण कृतज्ञता व्यक्त करना ही खरी गुरुदक्षिणा है !
गुरु ही हमारे हृदय में वास कर हमारा प्रतिपालन करते हैं, हमारा...
सनातन संस्थाके आस्थाकेंद्र ‘प.पू. डॉ. जयंत आठवलेजी’ – द्रष्टा धर्मगुरु एवं राष्ट्रसंत !
सनातन संस्थाके आस्थाकेंद्र ‘प.पू. डॉ. जयंत आठवलेजी’ – द्रष्टा धर्मगुरु एवं राष्ट्रसंत...
गुरु श्रीकृष्णने शिष्य अर्जुनको न केवल मोक्षप्राप्तिके लिए धर्म सिखाया; अपितु ‘धर्मरक्षाके...