प.पू. भक्तराज महाराज की छायाचित्रात्मक स्मृतियां (भाग १) !

Article also available in :

शिष्य का अज्ञान दूर कर उसकी आध्यात्मिक उन्नति हो, इसके लिए जो शिष्य को साधना बताकर वह करवा लेते हैं और अनुभूति भी देते हैं, उन्हें ‘गुरु’ कहते हैं । ऐसे कृपावत्सल गुरु को अर्थात प.पू. भक्तराज महाराज के मध्यप्रदेश स्थित मोरटक्का एवं इंदौर के आश्रमों में जहां उनका वास्तव्य था, उस चैतन्यमयी वास्तु का छायाचित्रात्मक दर्शन लेंगे ।

भक्तवात्सल्याश्रम, इंदौर के प.पू. भक्तराज महाराजजी का चैतन्यदायी कक्ष ! यहीं पर प.पू. रामानंद महाराज एवं परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी ने प.पू. बाबा की सेवा की थी।

मोरटक्का, मध्यप्रदेश के श्री अनंतानंद साईश के ‘श्री सद्गुरु सेवासदन’ आश्रम में वह स्थान जहां प.पू. भक्तराज महाराजजी बैठते थे !

 

 

मोरटक्का के आश्रम में श्री अनंतानंद साईश की प्रतिमा एवं उनकी चैतन्यदायी पादुका
मोरटक्का में प.पू. बाबा की आसंदी एवं उनकी चैतन्यदायी पादुका

 

मोरटक्का, मध्यप्रदेश में श्री अनंतानंद साईश के श्री सद्गुरु सेवासदन आश्रम में प.पू. बाबा का निवासस्थान !

 

भक्तवात्सल्याश्रम, इंदौर में गुरुपादुकाओं का भावपूर्ण दर्शन लेंगे !

श्री अनंतानंद साईश की चैतन्यदायी पादुका

प.पू. भक्तराज महाराजजी की चैतन्यदायी पादुका

प.पू. रामानंद महाराज की चैतन्यदायी पादुका

पणजी (गोवा) की भक्त श्रीमती स्मिता राव को प्रसादस्वरूप में प्राप्त और वर्तमान में सनातन आश्रम, रामनाथी में स्थापित प.पू. भक्तराज महाराजजी की पादुका

Leave a Comment