नित्य उपयोगी आयुर्वेदिक औषधियां

आगामी काल में भीषण प्राकृतिक आपत्तियां आएंगी, साथ ही तीसरे महायुद्ध में करोडो लोगों की आण्विक संहार से मृत्यु होगी, ऐसी भविष्यवाणी संतों ने की है । ऐसे आपातकाल में संचार के साधन, डॉक्टर इत्यादि उपलब्ध होने की संभावना न्यून है । तैयार औषधियों का अभाव हो सकता है । वर्तमान कोरोना काल में हम यह अनुभव कर रहे हैं । ‘औषधालय में जाएं, तो अधिक भीड होना, औषधालय में औषधियां उपलब्ध न होना, ऑनलाइन औषधियां मंगवाने पर ‘लॉकडाऊन’ के कारण वे समयसीमा में न मिलना, औषधियों का अभाव होने से उनकी कालाबाजारी होना’ ऐसे अनेक बुरे अनुभव अनेकों ने लिए है । आपातकाल की तीव्रता में प्रतिदिन वृद्धि हो रही है ।

भीषण आपातकाल का सामना करने के लिए हमें अभी से तैयारी करना आवश्यक है । इस लेख में कुछ आयुर्वेदिक औषधियों का उपयोग दिया जा रहा है । इनका अध्ययन कर, साथ ही वैद्यों के मार्गदर्शन में इन औषधियों का उपयोग करें ।

शुण्ठी (सौंठ/सुंठ) चूर्ण
पिप्पली (पिंपळी) चूर्ण
यष्टीमधु (मुलेठी/ज्येष्ठमध) चूर्ण
आमलकी (आंवला/आवळा) चूर्ण

वासा (अडूसा/अडुळसा) चूर्ण
उशीर (खस/वाळा) चूर्ण
मुस्ता (नागरमोथा) चूर्ण
पुनर्नवा चूर्ण

ब्राह्मी चूर्ण
शतावरी चूर्ण वटी (गोलियां)
त्रिफला गुग्गुलु (गोळ्या)
गन्धर्व हरीतकी वटी (गोळ्या)

कुटज घनवटी (गोलियां)
लघुमालिनी वसंत (गोलियां)
लशुनादि वटी (गोलियां)
संशमनी वटी (गोलियां)

त्रिभुवनकीर्ति रस (गोलियां)
चन्द्रामृत रस (गोलियां)
सूतशेखर रस (गोलियां)
योगराज गुग्गुलु (गोळ्या)