व्यक्ति की मृत्यु के समय बनाई गई कुंडली पर (मृत्युकुंडलीपर) उसे ‘मृत्युत्तर (मृत्यु के पश्चात) गति कैसे मिलेगी ?’, यह समझ में आना एवं उसके अच्छे-बुरे कर्मों का बोध होना
तिथि का महत्त्व एवं व्यक्ति की जन्मतिथि निश्चित करने की पद्धति
जन्मपत्रिका बनाने का महत्त्व समझकर लें !
मंगलदोष – धारणा एवं गलतधारणाएं
विवाह निश्चित करते समय वधु-वर की जन्मकुंडली मिलाने का महत्त्व
अशुभ काल में जन्मे शिशु की ‘जननशांति’ करना क्यों आवश्यक है ?
वृक्षारोपण कैसे करें ?
ज्योतिषशास्त्र को झूठा बोलनेवाले बुद्धिवादियों को तमाचा !
ज्योतिष और वास्तुशास्त्र में शनि के विषय में विचार
ज्योतिषी एवं संतों में भेद
कैरियर’ और ‘धनयोग’ का ज्योतिषशास्त्र की दृष्टि से विश्लेषण !
भगवान कार्तिकेय के स्वरूपवाला तेजस्वी नक्षत्र : कृत्तिका !