सनातन संस्था ऋषि-मुनी तथा संत महंतों द्वारा धर्मशास्त्र को आधारभूत मानकर समाज, राष्ट्र तथा धर्म की उन्नति हेतु जो मार्ग दिखाया, उसके अनुसार कार्य करनेवाली अग्रणी संस्था है । सनातन संस्था का दृष्टिकोण केवल व्यक्ति की पारमार्थिक उन्नति होनेतक सीमित नहीं है । सनातन द्वारा व्यक्ति के साथ- साथ समाज, राष्ट्र तथा धर्म के उत्कर्ष को प्रधानता दी गई है । उसके लिए संस्था अध्यात्मप्रसार करने के साथ-साथ राष्ट्ररक्षा तथा धर्मजागृति के विषय में विविध उपक्रम चलाती है ।

समाजोपयोगी

राष्ट्र रक्षा

धर्मजागृति

अध्यात्मप्रसार