रामनवमी पूजाविधि

प्रभु श्रीराम का जन्म माध्यान्हकाल अर्थात दो. १२ बजे मनाया जाता है । प्रभु श्रीराम की मूर्ति की अथवा प्रतिमा, हमें जो भी संभव हो, उसका पंचोपचार अथवा षोडशोपचार पूजन करें ।

श्रीरामनवमी

श्रीराम के जन्म के उपलक्ष्य में श्रीरामनवमी मनाई जाती है । इस दिन जब पुष्य नक्षत्रपर, माध्यान्हके समय, कर्क लग्न में सूर्यादि पांच ग्रह थे, तब अयोध्या में प्रभु श्रीराम का जन्म हुआ ।

श्रीरामनवमी उत्सव मनानेकी पद्धति

त्रेतायुगमें श्रीविष्णुके सातवें अवतार श्रीरामजीने पुष्य नक्षत्रपर, मध्याह्न कालमें अयोध्यामें जन्म लिया । वह दिन था, चैत्र शुक्ल नवमी । तबसे श्रीरामजीके जन्मप्रीत्यर्थ श्रीरामनवमी मनाई जाती है ।