आरती का महत्त्वदेवता की आरती कैसे करे ?देवी की आरती कैसे करें ?
श्रीरामचंद्र कृपाल भजु मन हरण भव भय दारुणम् । नवकंजलोचन,कंजमुख,कर-कंज,पद-कंजारुणम्।।१।। श्रीराम-श्रीराम….
आरती कीजै हनुमानलला की । दुष्टदलन रघुनाथ कला की ।।
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा माता जाकी पार्वती पिता महादेवा ||
ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता तुमको निस दिन सेवत, मैयाजीको निस दिन...
आरती कुंज बिहारीकी, श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ..
जय शिव ओंकारा ,भज शिव ओंकारा । ब्रह्मा विष्णु सदाशिव अद्र्धंगी धारा ।।१।।
जगजननी जय ! जय ! मा ! जगजननी जय ! जय !! भयहारिणि,भवतारिणि,भवभामिनि जय जय...
आरती कैसे करें ? ( आरती उतारनेकी शास्त्रोक्त पद्धति !)पूजासामग्रीका महत्त्वपंचोपचार एवं षोडशोपचार पूजनका अध्यात्मशास्त्रीय आधारपारिवारिक धार्मिक व सामाजिक कृत्योंका अध्यात्मशास्त्रीय आधार