संत ज्ञानेश्वर की कालावधि में ‘सांपसीढी’ का खेल ‘मोक्षपट’ के रूप में पहचाना जाता था : प्रा. जेकॉब, डेन्मार्क
मोक्षपट के दोनों ही पट २० x २० इंच आकार के हैं एवं उसमें ५० चौकोन हैं। उसमें प्रथम घर ‘जनम’ का जब कि अंतिम घर ‘मोक्ष’ का है जिसकेद्वारा मनुष्य के जीवन की यात्रा दर्शाई गई है। मोक्षपट खेलने हेतु सांपसीढी के समान ही ६ कौडियों का उपयोग किया गया है।