महाराष्ट्र में सुप्रसिद्ध कुछ देवियों की जानकारी और उनका इतिहास

नवरात्रि में जिस देवी की पूजा की जाती है, वह देवी मानव के लिए जो उत्कृष्ट गुण होते हैं उनसे सुशोभित होती है । दुर्गा का स्तवन और पूजा करते समय अभिषेक के समय उनकी नामावली कही जाती है । उस नामावली से नारी में कौनसे गुण होने चाहिए, इसका निर्देश मिलता है ।

कैमूर (बिहार) में देवी मुंडेश्वरी के मंदिर में दी जाती है रक्तहीन बलि !

बिहार के मुंडेश्वरी देवी मंदिर में नवरात्रि में मनोव्रत (मनोकामनाएं अथवा मन्नतें) पूर्ण करने के लिए रक्तहीन बलि दी जाती है । अर्थात बलि की प्रक्रिया बकरे को मारे बिना पूरी हो जाती है। यह मंदिर ५ वीं शताब्दी का माना जाता है ।

योगमाया द्वारा श्रीविष्णु से नरकासुर का वध करवानेवाली श्री कामाख्यादेवी

गुवाहाटी शहर से १० किलोमीटर दूर नीलाचल पर्वत पर श्री कामाख्यादेवी का मंदिर है । पृथ्वी पर जहां-जहां सती के अवयव गिरे थे, उस स्थान पर एक-एक शक्तिपीठ निर्माण हो गया ।

चोटीला (गुजरात) में स्थित आदिशक्ति का रूप श्री चंडी-चामुंडा देवी

सप्तर्षियों ने आगे कहा, ‘‘चोटीला गांव की पहाडी पर ‘चंडी-चामुंडा’ नामक देवियों की मूर्ति है । ये देवियां दो दिखाई देती हैं, तब भी वे एक ही (एकरूप) हैं । चंडी एवं चामुंडा, ये आदिशक्ति के ही रूप हैं । परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी की आध्यात्मिक उत्तराधिकारी श्रीसत्‌शक्‍ति (श्रीमती) बिंदा सिंगबाळ एवं श्रीचित्‌शक्‍ति (श्रीमती) अंजली गाडगीळ, ये दोनों चंडी एवं चामुंडा के ही रूप हैं ।

श्रीलंका के जाफना शहर के निकट नैनातीवू द्वीप पर और ५१ शक्तिपीठों में एक नागपुषाणी देवी का सुप्रसिद्ध मंदिर !

प्राचीन काल में नैनातीवू को नागद्वीप नाम से पहचाना जाता था । यहां शक्तिपीठ के स्थान पर देवी का एक मंदिर है । उस देवी का नाम नागपुषाणी देवी है ।

महाबळेश्‍वर में श्रीकृष्णामाई का देवालय

महाबळेश्वर यहां श्री महाबळेश्वर, श्री पंचगंगा और श्री कृष्णादेवी के अति प्राचीन भव्य देवालय हैं । कुछ कामनिमित्त से महाबळेश्वर में जाने का योग आया था, तब श्री कृष्णामाई के दर्शन हेतु जानेपर ध्यान में आए सूत्र यहां प्रस्तुत कर रहा हूं ।

श्री शिकारीमाता के पुरातन मंदिर की छत का अनसुलझा रहस्य !

पांडवों ने अज्ञातवास में इसका निर्माण किया था । तब उन्होंने जानबूझकर इस मंदिर की छत नहीं बनाई और खुले आकाशतले मूर्ति की स्थापना की थी ।

मंदिर की फर्श पर लेटने से महिलाओं को होती है संतानप्राप्ति ! – देवीभक्तों की श्रद्धा

मंडी जिले के सिमस नामक गांव में सिमसा माता देवी का मंदिर है । यह देवी संतानहीन महिलाओं की मनोकामना पूर्ण करनेवाली होने से संतान दात्री नाम से विख्यात है ।