कुछ देवियों की उपासना की विशेषताएं

अंबाबाई एवं तुळजाभवानी ये जिनकी कुलदेवता होती हैं, उनके घर विवाह जैसी विधि के पश्चात देवी की स्तुति करते हैं । कुछ लोगों के यहां विवाह जैसे कार्य निर्विघ्न होने हेतु सत्यनारायण की पूजा करते हैं

कुमकुमार्चन कैसे करें ?

उपासनामें कुमकुमार्चनका महत्वपूर्ण स्थान है। कुमकुमार्चन करने के उपरांत मूर्ति जागृत होती है। देवी को कुमकुमार्चन करने की दो पद्धतियां हैं।

देवी की आंचल भराई कैसे करें ?

साडी और चोली वस्त्र-नारियल से देवी का आंचल भरना, यह देवी के दर्शन के समय किया जानेवाला एक प्रमुख उपचार है । यह शास्त्र समझकर, इसे भावपूर्ण करने से, उसका आध्यात्मिक लाभ अधिक प्रमाण में श्रद्धालु को मिलता है ।

देवीकी उपासना

पढीएं देवीमांको विशिष्ट फूल चढानेका शास्त्रीय आधार, देवीपूजनमें निषिद्ध फूल, देवीमांके लिए नैवेद्य बनाना, देवी मांकी आरती ।