देवी मां के मंदिर

यहां जब भी मुसीबत आने वाली होती है मूर्ति से बहने लगते हैं आंसूू
परिहारों की कुलदेवी : गाजणमाता मंदिर की महिमा
इस मुस्लिम देश में सदियों से जल रही मां भगवती की अखंड ज्योति !
झारखंड स्थित विश्वविख्यात श्री छिन्नमस्तिका देवी का अति प्राचीन मंदिर !
५१ शक्तिपिठों मेंसे एक श्रीक्षेत्र काशी (उत्तरप्रदेश) की श्री बंदीदेवी
ज्योतिर्मय काशी (उत्तरप्रदेश) की श्री ब्रह्मचारिणी देवी
भारत की सीमा की रक्षा करनेवाली जैसलमेर (राजस्थान) की श्री तनोटमाता
शिवगंगा (तमिलनाडु) गांव के निकट भागंप्रियादेवी के स्थान पर प्रतीत हुए सूत्र
सतना (मध्यप्रदेश) स्थित प्रसिद्ध श्री शारदा देवी शक्तिपीठ !
हिन्दुओं के पराक्रमी राजा विक्रमादित्य की कुलदेवी उज्जैन, मध्य प्रदेश की श्री हरसिद्धि देवी !
पूर्ण एवं अर्धपीठ तथा उनके कार्य
गोंडा, उत्तरप्रदेश की श्री वाराहीदेवी !
शिवगंगा (तमिलनाडु) गांव के निकट भागंप्रियादेवी का जागृत स्थान
अखंड ज्योतिस्वरूप कांगडा, हिमाचल प्रदेश की श्री ज्वालादेवी !
५१ शक्तिपीठों में से एक श्री त्रिपुरसुंदरी देवी का त्रिपुरा स्थित जागृत मंदिर, वहां का इतिहास एवं विशेषताएं
महाराष्ट्र की इष्टदेवता एवं भक्ततारिणी तुळजापुर (जनपद धाराशिव) की श्री तुळजाभवानी देवी
कश्मीर की ग्रामदेवता श्री शारिकादेवी
भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण करनेवली कश्मीर की श्री खीर भवानीदेवी !
विजयवाडा (आंध्र) प्रदेश का कनकदुर्गा मंदिर
कवळे, गोवा का नयनमनोहर एवं जागृत श्री शांतादुर्गा देवस्थान !
५१ शक्तिपीठोंमें से एक पाटलीपुत्र (पटना) के बडी और छोटी पटनदेवी के मंदिर
महाकवि कालिदास को दिव्य ज्ञान प्रदान करनेवाली उज्जैन (मध्य प्रदेश) की श्री गढकालिकादेवी
५१ शक्तिपीठों में से एक बांगलादेश के सीताकुंड गांव के (जि. चितगाव) भवानीदेवी का मंदिर !
हिमाचल प्रदेश में ‘भलेई माता मंदिर’
उत्तराखंड में कसारदेवी मंदिर के क्षेत्र की भू-गर्भीय तरंगों का नासा द्वारा संशोधन !
मंदिर की फर्श पर लेटने से महिलाओं को होती है संतानप्राप्ति ! – देवीभक्तों की श्रद्धा
श्री शिकारीमाता के पुरातन मंदिर की छत का अनसुलझा रहस्य !
महाबळेश्‍वर में श्रीकृष्णामाई का देवालय
कर्नाटक की हासनंबादेवी
श्रीलंका के जाफना शहर के निकट नैनातीवू द्वीप पर और ५१ शक्तिपीठों में एक नागपुषाणी देवी का सुप्रसिद्ध...
शेषनाग की फुफकार से निर्माण हुए ‘मणिकर्ण तप्तकुंड’ (जिला कुल्लु) के दर्शन !
चोटीला (गुजरात) में स्थित आदिशक्ति का रूप श्री चंडी-चामुंडा देवी
योगमाया द्वारा श्रीविष्णु से नरकासुर का वध करवानेवाली श्री कामाख्यादेवी
कैमूर (बिहार) में देवी मुंडेश्वरी के मंदिर में दी जाती है रक्तहीन बलि !
महाराष्ट्र में सुप्रसिद्ध कुछ देवियों की जानकारी और उनका इतिहास