वर्तमान में साधना करना ही धर्माचरण है ! – श्रीमती रीता पाठक, सनातन संस्था

सनातन संस्था द्वारा सुल्तानपुर में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद सुल्तानपुर (काशी प्रांत) के सभी छात्र एवं छात्राओं के लिए वर्तमान भारत में धर्माचरण की आवश्यकता विषय पर फेसबुक लाइव के माध्यम से दिनांक ६ मई २०२० को मागदर्शन किया गया ।

हिन्दुओं के आस्थास्थान प्रभु श्रीराम पर हुए आरोपों का खंडन

जब तक प्रभु श्रीराम पर हुए मिथ्या आरोप हम सुनेंगे, तब तक हमें भी सत्य का पता नहीं होगा, तो हमारे मन में श्रीराम के प्रति भाव निर्माण होना कठिन है । इसलिए आज हम इन मिथ्या आरोपों की वास्तविकता आपके सामने रखेंगे । इससे निश्‍चित ही आपके मन की शंका दूर होगी और आप भी ऐसे आरोप करनेवालों का सामना आत्मविश्‍वास के साथ कर सकते हैं ।

संकटकालीन परिस्थिति में सनातन के सात्त्विक उत्पाद उपलब्ध न हों, तो मानस पद्धति से आध्यात्मिक उपाय कर चैतन्य प्राप्त करें !

संकटकालीन स्थिति में जब उपाय के साधन उपलब्ध नहीं होते, ऐसे समय में मानस-उपाय करना सहजता से संभव है ।

बौद्धों द्वारा हिन्दू मंदिरों पर किए गए आक्रमणों का एक उदाहरण श्रीलंका के कैन्डी शहर का बौद्ध मंदिर !

कैन्डी शहर के इस बौद्ध मंदिर के पिछले भाग में एक संग्रहालय है । १७ बौद्ध देशों ने इस संग्रहालय के लिए अपने-अपने देशों से विविध विशेषतापूर्ण वस्तुएं और प्रतिकृतियां (रेप्लिकाज) दी हैं । इस संग्रहालय में भारत का सबसे बडा दालान है ।

श्रीरामनवमी

श्रीराम के जन्म के उपलक्ष्य में श्रीरामनवमी मनाई जाती है । इस दिन जब पुष्य नक्षत्रपर, माध्यान्हके समय, कर्क लग्न में सूर्यादि पांच ग्रह थे, तब अयोध्या में प्रभु श्रीराम का जन्म हुआ ।

युद्ध काल में सैनिकों की रक्षा के लिए देवताओं की उपासना से भारित धागे उपलब्ध करनेवाले कंबोडिया के राजा !

राष्ट्ररक्षा के लिए उस समय के राजा देवताओं की उपासना कर अपने सेना को तंत्र-मंत्र द्वारा आध्यात्मिक कवच प्रदान करते थे । वे राजा सेना और राष्ट्र की आध्यात्मिकदृष्टि से ध्यान रखते थे, यही इससे दिखाई देता है ।

मलेशिया की बटू गुफा में कार्तिकेय का विश्‍वप्रसिद्ध जागृत मंदिर !

प्राचीन काल में जिसे मलय द्वीप कहते थे, वह है आज का मलेशिया देश ! मलेशिया, अनेक द्वीपों का समूह है । मलय भाषा में अनेक संस्कृत शब्दों का उपयोग किया जाता है । मलय साहित्य में रामायण और महाभारत का संबंध दिखाई देता है ।

दक्षिण भारत के कुंभमेला महामहम महोत्सव का इतिहास

ब्रह्मदेव ने नदियों के पाप धोने के लिए उन्हें एकत्रित कुंभकोणम के तालाब में स्नान करने के लिए कहा । तब से इस महोत्सव का आरंभ हुआ ।

वृद्धावस्था में वृद्धों का आचरण कैसा हो, इस संदर्भ में कुछ सरल सूत्र

जिन्होंने अत्यंत प्रतिकूल परिस्थिति में बडा किया, बडे होने अथवा विवाह होने पर हम उनका द्वेष, तिरस्कार करते हैं, कभी भूल भी जाते हैं; परंतु उस समय हम यह भूलते हैं कि, ‘हम भी कभी बूढे अथवा वृद्ध होनेवाले हैं ।

सेतुबंध रामेश्‍वर माहात्म्य !

भारत के दक्षिण-पूर्व किनारे पर महत्त्वपूर्ण तीर्थक्षेत्र है रामेश्वरम् ! रामेश्वर के दर्शन के लिए हिन्दू धर्मपरंपरा में विशेष महत्त्व है ।