कुछ अच्छा अथवा बुरा होनेपर इस प्रकार से दृष्टिकोण होना चाहिए !

कुछ अच्छा होनेपर ईश्‍वर की कृपा से हुआ, यह दृष्टिकोण होना चाहिए, तो कुछ बुरा होने से मेरे प्रारब्ध के कारण हुआ, यह विचार होना चाहिए । किसी ने यदि कुछ बुरा किया, तो उसके संदर्भ में मेरे प्रारब्ध का घडा न्यून हुआ तथा बुरा करनेवाले के पापों का घडा शीघ्र ही भरकर ईश्‍वर उसको दंडित करेंगे, यह विचार मन में होना चाहिए । – परात्पर गुरु डॉ. आठवले (७.६.२०१७)

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