स्वभावदोष एवं अहं निर्मूलन का महत्त्व !

‘ईश्‍वर में स्वभावदोष एवं अहं नहीं होता । उनसे एकरूप होना हो, तो हममें भी उनका अभाव आवश्यक है ।’

– (परात्पर गुरु) डॉ. आठवले

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