गुरुकृपायोग के अनुसार साधना की श्रेष्ठता

गुरुकृपायोग विशेष सैद्धांतिक जानकारी न देकर केवल प्रत्यक्ष साधना कर उन्नति कैसे करें, यह सिखाता है !

‘गुरुकृपायोग में विशेष सैद्धांतिक जानकारी नहीं है; क्योंकि यह योग कर्मयोग, भक्तियोग, ज्ञानयोग इत्यादि योगों पर आधारित है । विविध योगों की विस्तृत तात्त्विक जानकारी निश्चित रूप से अनेक ग्रंथों में उपलब्ध है । गुरुकृपायोग केवल प्रायोगिक साधना करने के संदर्भ में योग है अर्थात प्रत्यक्ष साधना कर उन्नति कैसे करें यह गुरुकृपायोग सिखाता है ।’ गुरुकृपायोग में व्यष्टि साधना के अष्टांगों में सत्संग लेना, सत्सेवा करना तथा प्रीति ये समष्टि साधना से संबंधित हैं ।

– (परात्पर गुरु) डॉ. जयंत आठवले

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