यज्ञ के स्थूल और सूक्ष्म धुएं से होनेवाला परिणाम 

‘जिस प्रकार शरीर के कीटाणु शरीर में ली गई औषधियों से मरते हैं । उसी प्रकार वातावरण में विद्यमान नकारात्मक रज-तम यज्ञ के स्थूल और सूक्ष्म धुएं से नष्ट होते हैं ।’
-(परात्पर गुरु) डॉ. जयंत आठवले

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