बुद्धिवादियों का संकुचितपन

‘बुद्धिवादियों को जिज्ञासा न होने के कारण वे अपने छोटे से ज्ञान (अज्ञान) में रहते हैं तथा आगे का समझ नहीं पाते ।’
-(परात्पर गुरु) डॉ. जयंत आठवले

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