लौकी और कडवी लौकी के औषधीय उपयोग
लौकी एक उपयुक्त सब्जी है । लौकी का रस का सेवन कर वजन कम करें’, यह सुनकर आजकल वजन कम करने के लिए लोग ऐसा कर रहे हैं; परंतु सभी को वैसा करना योग्य नहीं ।
लौकी एक उपयुक्त सब्जी है । लौकी का रस का सेवन कर वजन कम करें’, यह सुनकर आजकल वजन कम करने के लिए लोग ऐसा कर रहे हैं; परंतु सभी को वैसा करना योग्य नहीं ।
टमाटर भोजन का एक अभिन्न पदार्थ है । उससे हमारे शरीर का आवश्यक पोषक घटक भी मिलते हैं ।
शरीर में प्रवेशित माखन प्रतिदिन नई और तरुण धातुओं की उत्पत्ति कर शरीर की सुंदरता बढाता है; इसलिए उसे नवनीत कहा जाता है ।
शरीर में पित्त का विस्फोट होकर बुखार आता हो, तो उसके लिए सीताफल खाएं; परंतु उसे सुबह के समय न खाएं ।
‘सर्दियों में ऋतु के अनुसार ठंड और सूखापन बढता है और उनका उचित प्रतिकार न करने से विविध विकार होते हैं । इनमें से अधिकांश विकारोंपर तेल का उचित उपयोग करना और सेंकना, इन चिकित्साओं का प्रभावशाली नियंत्रण किया जा सकता है ।
आजकल की बदली हुई जीवनपद्धति के कारण, विशेषरूप से घर अथवा कार्यालय में बैठकर काम करनेवाले व्यक्तियों में शरीर को धूप लगने की संभावना बहुत ही घट गई है ।
पुणे के महान संत प.पू . आबा उपाध्येजी द्वारा व्याधि निवारण हेतु बताए गए कुछ उपाय
मां के गर्भ में पल रहे लगभग ६ से ८ मास के शिशु में प्राणों का प्रवेश होता है, ऐसा नहीं है, अपितु जिस क्षण गर्भाशय में शुक्राणु एवं स्त्रीबीज का संयोग होता है, उसी क्षण उसमें जीवात्मा प्रवेश करता है । गर्भ की वृद्धि होने के लिए भी चैतन्य ही कारणभूत होता है ।
गर्मी के विकारोंपर घरेलु औषधियां। गला, छाती अथवा पेट में जलन होना; मूत्रविसर्जन के समय जलन होना; शरीरपर फोडे आना; आंखें, हाथ अथवा पैरों का गर्म हो जाना; मासिक धर्म के समय अधिक रक्तस्राव होना तथा शौच में रक्त जाना।
विज्ञान के माध्यम से अग्निहोत्र का वातावरणपर क्या परिणाम होता है ?, इसके अध्ययन हेतु महर्षि अध्यात्म विश्वविद्यालय की ओर से एक परीक्षण किया गया । इस परीक्षण हेतु यू.टी.एस्. (युनिवर्सल थर्मो स्कैन) उपकरण का उपयोग किया गया ।