भावना के स्तरपर किसी भी प्रकार का असंवैधानिक कृत्य करने की सनातन संस्था की सीख नहीं है !

अध्यात्म में कर्मफलसिद्धांत को महत्त्वपूर्ण माना गया है । कर्म का फल अटल होता है । किए गए कर्मों का फल पाप-पुण्य के रूप में भोगना पडता है ।

कश्मीर घाटी के कई वर्षों से बंद कुछ मंदिरों की जानकारी

‘रूट्स इन कश्मीर’के प्रवक्ता अमित रैना ने बताया, ‘‘वर्ष १९८६ के पश्चात धर्मांधों ने कश्मीर के कई मंदिरों को अपना लक्ष्य बनाया था ।

भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण करनेवली कश्मीर की श्री खीर भवानीदेवी !

श्रीनगर से ३० कि.मी. की दूरीपर स्थित तुल्लमुल्ल का सुप्रसिद्ध श्री खीर भवानीदेवी का मंदिर ! कश्मीर के गंदेरबल जनपद में स्थित यह मंदिर हिन्दुओं के लिए महत्त्वपूर्ण स्थान है ।

महाराष्ट्र की इष्टदेवता एवं भक्ततारिणी तुळजापुर (जनपद धाराशिव) की श्री तुळजाभवानी देवी

कृतयुग में अनुभूति हेतु, त्रेतायुग में श्रीरामचंद्र हेतु, द्वापरयुग में धर्मराज हेतु तथा कलियुग में छत्रपति शिवाजी महाराज के लिए आशीर्वादरूप प्रमाणित श्री भवानीदेवी भक्ततारिणी एवं वरप्रसादिनी है ।

५१ शक्तिपीठों में से एक श्री त्रिपुरसुंदरी देवी का त्रिपुरा स्थित जागृत मंदिर, वहां का इतिहास एवं विशेषताएं

महाराज ज्ञान माणिक्य ने वर्ष १५०१ में उस समय में जानेवाले रंगमती नामक स्थानपर अर्थात आज की इस टिलीपर त्रिपुरसुंदरी देवी की स्थापना की ।

अखंड ज्योतिस्वरूप कांगडा, हिमाचल प्रदेश की श्री ज्वालादेवी !

हिमाचल प्रदेश का श्री ज्वालादेवी मंदिर, देश के महत्त्वपूर्ण धार्मिक स्थलों तथा ५१ शक्तिपीठों में एक है ! यह मंदिर हिमाचल प्रदेश के कांगडा जनपद में है । राज दक्ष के हाथों अपने पति शिव का अनादर न सह पाने के कारण सती ने यज्ञ में अपनी आहुति दी थी । उससे शिव को बहुत … Read more

शिवगंगा (तमिलनाडु) गांव के निकट भागंप्रियादेवी का जागृत स्थान

१. शिवगंगा गांव के निकट भागंप्रियादेवी का जागृत स्थान तथा इतिहास १ अ. पार्वती का तप:स्थान इस स्थान पर देवी पार्वती ने शिवजी को प्राप्त करने हेतु तपस्या की थी । यहां पर शिवालय भी है । ऐसा कहा जाता है कि इसी स्थान पर देवी पार्वती यह कहते हुए कि मुझे शिव ही पति के … Read more

किस देवताको कौनसे पुष्प अर्पित करें ?

विशिष्ट आकृतिबन्धमें पुष्प इस प्रकार चढाएं कि वे आडे-तिरछे न दिखाई दें । अध्यात्मका एक महत्त्वपूर्ण तत्त्व है – सत्यम्-शिवम्-सुन्दरम् ।

गोंडा, उत्तरप्रदेश की श्री वाराहीदेवी !

गोंडा, उत्तरप्रदेश के मुकुंदनगर गांव में श्री वाराहीदेवी का मंदिर है । मंदिर में अति प्राचीन वटवृक्ष है । जिसकी शाखाएं मंदिर परिसर में फैली हैं । श्री वाराहीदेवी उत्तरी भवानीदेवी के नाम से भी विख्यात हैं ।