किस देवताको कौनसे पुष्प अर्पित करें ?

विशिष्ट आकृतिबन्धमें पुष्प इस प्रकार चढाएं कि वे आडे-तिरछे न दिखाई दें । अध्यात्मका एक महत्त्वपूर्ण तत्त्व है – सत्यम्-शिवम्-सुन्दरम् ।

शिवगंगा (तमिलनाडु) गांव के निकट भागंप्रियादेवी का जागृत स्थान

१. शिवगंगा गांव के निकट भागंप्रियादेवी का जागृत स्थान तथा इतिहास १ अ. पार्वती का तप:स्थान इस स्थान पर देवी पार्वती ने शिवजी को प्राप्त करने हेतु तपस्या की थी । यहां पर शिवालय भी है । ऐसा कहा जाता है कि इसी स्थान पर देवी पार्वती यह कहते हुए कि मुझे शिव ही पति के … Read more

रामनाथी (गोवा) स्थित सनातन आश्रम में परात्पर गुरु डॉ. जयंत आठवलेजी के करकमलों से द्वितीय साग्निचित् अश्मेवध महासोमयागका संकल्प

हिन्दू राष्ट्र की स्थापना में आ रही बाधाएं दूर हों और संपूर्ण विश्व में सुख एवं शांति बनी रहे, इस हेतु सोलापुर जिले की बार्शी तहसील के कासारवाडी स्थित श्री योगीराज वेद विज्ञान आश्रम में द्वितीय साग्निचित् अश्मेवध महासोमयाग का आयोजन किया गया है ।

गोंडा, उत्तरप्रदेश की श्री वाराहीदेवी !

गोंडा, उत्तरप्रदेश के मुकुंदनगर गांव में श्री वाराहीदेवी का मंदिर है । मंदिर में अति प्राचीन वटवृक्ष है । जिसकी शाखाएं मंदिर परिसर में फैली हैं । श्री वाराहीदेवी उत्तरी भवानीदेवी के नाम से भी विख्यात हैं ।

धर्मकार्य करते समय ईश्‍वर का अधिष्ठान तथा साधना आवश्यक ! – सद्गुरु (कु.) स्वाती खाडये

अर्जुन के साथ भगवान श्रीकृष्ण थे, इसलिए धर्म-अधर्म के युद्ध में (महाभारत में ) पांडवों की संख्या अल्प होने पर भी वे विजयी हुए । इससे स्पष्ट है कि धर्मकार्य करते समय ईश्‍वर का अधिष्ठान और हमारी साधना होना आवश्यक है ।

वाराणसी के संत कबीर प्राकट्य स्थल के छायाचित्रात्मक दर्शन

संत कबीर गुरू की प्रतीक्षा में थे । उन्होंने वैष्णव संत स्वामी रामानंदजी को अपना गुरु माना था; परंतु स्वामी रामानंदजी ने कबीरजी को शिष्य मानने से मना कर दिया था ।

सनातन संस्था धर्मजागृति का अत्यंत प्रशंसनीय कार्य कर रही है !

‘अखिल भारतवर्षीय धर्मसंघ तथा स्वामी करपात्री फाऊंडेशन के प्रवर श्रद्धेय श्री त्र्यंबकेश्‍वर चैतन्यजी महाराज के गौरवोद्गार प्रवर श्रद्धेय श्री त्र्यंबकेश्‍वर चैतन्यजी महाराज (बाईं ओर) को ‘परात्पर गुरु डॉ. जयंत आठवलेजी का छायाचित्रमय जीवनदर्शन’ ग्रंथ भेंट करते हुए सद्गुुरु (डॉ.) चारुदत्त पिंगळेजी देहली : सनातन संस्था के साधक अतिशय मधुरभाषी होते हैं । उनके जीवन की … Read more

गौरी लंकेश हत्या प्रकरण में सनातन संस्था का नाम जोडने के प्रकरण में हिन्दुत्वनिष्ठों ने किया सनातन संस्था का समर्थन

गौरी लंकेश हत्या प्रकरण में सनातन संस्था का नाम जोडने के प्रकरण में हिन्दुत्वनिष्ठों ने को दृढता से सनातन संस्था का समर्थन किया ।

ज्योतिषशास्त्र के अनुसार व्याधि (बीमारी) निवारण के लिए औषधि(दवाई) लेने का उचित मुहूर्त और रोगी की सेवा करनेवाले सेवक की कुंडली के योग

शीघ्र स्वास्थ्य लाभ हो; इसलिए ज्योतिषशास्त्रानुसार व्याधि से ग्रस्त व्यक्ति को धन्वंतरी देवता को प्रार्थना करके औषधि लेनी चाहिए ।

युद्ध की तैयारी, प्रत्यक्ष युद्ध तथा नागरिक

‘युद्धस्य कथा रम्या ।’, ऐसा कहा जाता है; परंतु जब प्रत्यक्ष युद्ध होता है और जब वह असीमित कालावधि तक जारी रहता है, तब वह रम्य न रहकर बहुत ही पीडादायी बन जाता है ।