जीवन तथा साधना की भी हानि करनेवाले भय को मिटाने के लिए श्रीमती श्वेता क्लार्क के प्रयत्न और उन्हें श्रीकृष्ण से मिली सहायता
जनवरी २०१५ में स्पिरिचुुअल साइन्स रिसर्च फाउण्डेशन (एस.एस.आर.एफ.) की ओर से आयोजित कार्यशाला में पूज्य लोलाजी, पूज्य सिरियाक, कुमारी एना ल्यु और श्री मिलुटीन से मिले मार्गदर्शन के कारण मैं भय लगने के मूल तक पहुंची और उसकी व्याप्ति ढूंढकर बही में लिख सकी ।