सनातन संस्था के रौप्य महोत्सव के उपलक्ष्य में पुणे में 9 हजार हिन्दुओं की उपस्थिति में ‘सनातन गौरव दिंडी’ !

सनातन संस्था के रौप्य महोत्सव के उपलक्ष्य में ‘सनातन धर्म पर हो रही टीका-टिप्पणी को उत्तर देने के लिए, इसके साथ ही सनातन धर्म का गौरव बढाने के लिए’ रविवार श्याम को पुणे में 9 हजार से भी अधिक हिन्दुओं ने एकत्र आकर ‘सनातन गौरव दिंडी’ निकाली । इसमें 20 से भी अधिक विविध संप्रदाय-संगठन सम्मिलित हुए थे ।

राजस्थान – रजत महोत्सव के अवसरपर तनाव मुक्ति एवं संतुलित जीवन का रहस्य कार्यशाला

जयपुर के गगन भारती पब्लिक सीनियर सेकेंडरी स्कूल में सनातन संस्था के रजत महोत्सव के अवसरपर तनाव मुक्ति एवं संतुलित जीवन का रहस्य, पर कार्यशाला को  संस्था की श्रीमती मधुलिका गोयल जी ने संबोधित किया ।

नववर्षारंभ के निमित्त सनातन संस्था द्वारा वाराणसी में प्रवचन

चैत्र शुक्ल प्रतिपदा के दिन ही ब्रह्मदेव ने ब्रह्मांड की निर्मिति की । उनके नाम से ही ‘ब्रह्मांड’ नाम प्रचलित हुआ । इसका महत्त्व क्या है तथा इसे कैसे मनाना चाहिए, इसके बारे में सनातन संस्था की ओर से यहां के नक्की घाट स्थित त्रिदेव मंदिर में श्रद्धालुओं को मार्गदर्शन किया ।

सजीव प्रतीत होनेवाले एवं चैतन्य की अनुभूति देनेवाले नागोठणे (जिला रायगढ) के सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. आठवलेजी का जन्मस्थान !

रायगढ जिले के पनवेल से वाहन द्वारा २ घंटों के (लगभग १०० कि.मी.) के अंतर पर शिवकालीन ऐतिहासिक महत्त्व प्राप्त ‘नागोठणे’ नामक गांव है । सनातन संस्था के संस्थापक सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी का जन्म आज से ८१ वर्षाें पूर्व वैशाख कृष्ण सप्तमी को यहां के वर्तक वाडा में हुआ ।

उलटी (Vomiting) पर होमियोपैथी औषधियों की जानकारी

पेट में अन्न अपनेआप, जोर से मुख के रास्ते बाहर गिरना, इसे ‘उलटी होना’, कहते हैं । सामान्यतः पेट की क्षमता से अधिक अन्न ग्रहण करना, दूषित अन्न ग्रहण करना इत्यादि कारणों से उलटी होती है । उलटी शरीर के पेट के कष्टदायक घटक बाहर फेंक देने की प्राकृतिक प्रक्रिया है ।

पेट में वेदना (Abdominal pain) इस बीमारी पर होमियोपैथी औषधियों की जानकारी

पेट में सौम्य से तीव्र वेदना विविध कारणों से हो सकती है । प्रत्येक कारण के अनुसार उसका विशिष्ट उपचार लेना आवश्यक होता है; परंतु पेटदर्द का निश्चित निदान होने तक हम आगे दिए अनुसार औषधोपचार आरंभ कर सकते हैं ।

संत मुक्ताबाई !

संतश्रेष्ठ ज्ञानेश्वर महाराज की बहन संत मुक्ताबाई ने जलगांव जिले के एदलाबाद (आज का मुक्ताईनगर) में समाधि ली थी । मुक्ताबाई का जन्म इंद्रायणी नदी के तट पर बसे आळंदी गांव के निकट सिद्धबेट पर अश्विन शुद्ध प्रतिपदा शुक्रवार शके १२०१ अर्थात इ. सन. १२७९ में हुआ ।

हिन्दू नववर्षारंभ (चैत्र शुक्ल प्रतिपदा) से व्यक्तिगत एवं सामाजिक जीवन में रामराज्य स्थापित करने का संकल्प करें !

सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. आठवलेजी का नववर्ष के अवसर पर संदेश

श्री मारूती स्तोत्र

अन्य देवताओंकी तुलनामें हनुमानजीमें अत्यधिक प्रकट शक्ति है । अन्य देवताओंमें प्रकट शक्ति केवल १० प्रतिशत होती है, जबकि हनुमानजीमें प्रकट शक्ति ७० प्रतिशत होती है । अत: हनुमानजीकी उपासना अधिक मात्रामें की जाती है । हनुमानजीकी उपासनासे जागृत कुंडलिनीके मार्गमें आई बाधा दूर होकर कुंडलिनीको योग्य दिशा मिलती है । साथही भूतबाधा, जादू-टोना, अथवा … Read more

परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी के कक्ष में उत्तर की दीवार पर पडे दाग-धब्बों में बुद्धिअगम्य परिवर्तन और उसका आधारभूत शास्त्र !

परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी के कक्ष की दीवार पर, इसके साथ ही फर्श पर पडे दाग-धब्बों के ११ से १३.३.२०२१ तक छायाचित्र खींचे गए । उसीप्रकार इनके वर्ष २०१३ एवं वर्ष २०१८ में भी छायाचित्र खींचे गए थे । इन छायाचित्रों का तुलनात्मक अध्ययन किया गया ।