रथसप्तमी (Rathasaptami 2024)

हिन्दू धर्म और भारतीय संस्कृति में उच्च देवताआें की उपासना और उनके विविध त्योहार और उत्सव हैं । उसी प्रकार उसमें कनिष्ठ देवताआें की भी उपासना है । सूर्य, चंद्र, अग्नि, पवन, वरुण और इंद्र आदि प्रमुख कनिष्ठ देवता हैं । मनुष्य तथा प्राणिमात्र के जीवन में इन कनिष्ठ देवताआें का महत्त्वपूर्ण स्थान है ।

सनातन संस्था द्वारा नोएडा में जरूरतमंद बच्चों काे स्टेशनरी वितरण !

9 जनवरी 2024 को सनातन संस्था द्वारा ‘भविष्य एन जी ओ’ सेक्टर 71 नोएडा में स्टेशनरी वितरण किया गया ।

श्रीराम मंदिर में हुए समारोह में सनातन संस्था की आध्यात्मिक उत्तराधिकारिणी द्वय की वंदनीय उपस्थिति !

अयोध्या नगरी के श्रीराम मंदिर में मूर्ति का भव्य दिव्य प्राणप्रतिष्ठा समारोह सनातन संस्था के संस्थापक सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत बाळाजी आठवलेजी की आध्यात्मिक उत्तराधिकारिणी द्वयी श्रीसत्‌शक्ति (श्रीमती) बिंदा सिंगबाळजी तथा श्रीचित्‌‌शक्ति (श्रीमती) अंजली गाडगीळजी की वंदनीय उपस्थिति थी ।

श्रीराम मंदिर में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा के उपलक्ष्य में सनातन संस्था द्‍वारा देशभर में ‘श्रीरामनाम संकीर्तन अभियान’ !

श्रीकृष्ण जन्मभूमि मथुरा के कंकाली देवी मंदिर में गूंजा प्रभु श्रीराम जी का नाम ! ।। श्रीराम जय जय राम जय जय राम ।।

अयोध्या में प्रभु श्रीराम की मूर्ति की प्राणप्रतिष्ठा, सूक्ष्म स्तर पर रामराज्य का, अर्थात हिन्दू राष्ट्र का प्रारंभ है !

२२.१.२०२४ को अयोध्या में निर्माणाधीन भव्य श्रीराम मंदिर में श्रीरामलला की मूर्ति की विधिवत प्राणप्रतिष्ठा होगी । इस प्राणप्रतिष्ठा के कारण अयोध्या से साक्षात श्रीराम के स्पंदन भारत में ही नहीं, अपितु संपूर्ण पृथ्वी पर नियमित रूप से प्रक्षेपित होंगे । यह एक प्रकार से प्रभु श्रीराम का सूक्ष्म स्तरीय अवतरण है ।

चलें, रामराज्य की दिशा में आगे बढें !

490 वर्षाें के वनवास के उपरांत श्रीरामजन्मभूमिवर भव्य श्रीराममंदिर का निर्माण हो रहा है । उसके कारण संपूर्ण देश में ही नहीं, अपितु संपूर्ण विश्व के हिन्दुओं में उत्साह का संचार हुआ है । अमेरिका में हिन्दुओं की ओर से श्रीराममंदिर के उपलक्ष्य में फेरियां निकाली जा रही हैं । संपूर्ण भारत राममय बन गया है । जैसे-जैसे 22 जनवरी की तिथि निकट आ रही है, वैसे भारतीयों में रामभक्ति की ज्योति अधिक तेजस्वी होकर प्रज्वलित हो रही है ।

मध्यप्रदेश में दत्त जयंती पर विभिन्न माध्यम से अध्यात्मप्रसार !

१. बांगर दत्त मन्दिर (देवास, मध्यप्रदेश) में ग्रंथ प्रदर्शनी पर उज्जैन के महापौर श्री. मुकेश टटवाल जी ने भेंट दीं ।

हिन्दू राष्ट्र-स्थापना हेतु ‘आपातकाल के पूर्व ग्रंथों के माध्यम से अधिकाधिक धर्मप्रसार हो’, यह सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी का संकल्प कार्यरत होने के कारण इस कार्य में उत्कंठापूर्वक सम्मिलित होनेवालों पर उनकी अपार कृपा होगी

ज्ञानशक्ति के माध्यम से कार्य होने का सर्वाधिक प्रभावी माध्यम है ‘ग्रंथ’ ! संक्षेप में ‘ग्रंथों के माध्यम से धर्मप्रसार करना’, वर्तमान काल की श्रेष्ठ साधना है । इसीलिए ‘आपातकाल के पूर्व ग्रंथों के माध्यम से अधिकाधिक धर्मप्रसार हो’, यह सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. आठवलेजी की तीव्र उत्कंठा है ।

युवा पीढी तथा अभिभावकों से विनम्र अनुरोध !

ग्रंथसेवा तो श्रेष्ठ ज्ञानशक्ति के स्तर की सेवा है, इसलिए यह सेवा शीघ्र आध्यात्मिक उन्नति करानेवाली सेवा भी है । अतः युवको, अपनी रुचि एवं क्षमता के अनुसार आप इस ग्रंथनिर्मिति की सेवा में सम्मिलित होकर इस स्वर्णिम अवसर का लाभ उठाएं !

भीषण आपातकाल आरंभ होने के पूर्व ही सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी के ग्रंथनिर्मिति के कार्य में सम्मिलित होकर शीघ्र ईश्वरीय कृपा के पात्र बनें !

हिन्दू राष्ट्र कुछ सहस्र वर्ष रहेगा; परंतु ग्रंथों का ज्ञान अनंत काल बना रहेगा, इसलिए जिस प्रकार हिन्दू राष्ट्र शीघ्र साकार होना आवश्यक है, उतनी ही शीघ्रता से भीषण आपातकाल आरंभ होने के पूर्व ग्रंथ प्रकाशित करने की भी है ।