सर्दी, खांसी एवं होमियोपैथी औषधि

सर्दी, यह नाक एवं गले का सर्वसामान्य रोग है । सर्दी में नाक बहना, छींकें आना, नाक बंद होना, आंखों से पानी बहना, गले में खिचखिच और कभी-कभार बुखार आना, ये लक्षण सामान्यतः पाए जाते हैं । इन लक्षणों के अतिरिक्त अन्य कोई विशेष लक्षण हों, तो औषधि लें, इन औषधियों के नाम आगे दिए हैं ।

आंखों के रोग और उन पर होमियोपैथी की और बाराक्षार औषधि

  अनुक्रमणिका१. आंखों की देखभाल कैसे करें ?२. आंखों के लिए किए जानेवाले विशिष्ट व्यायाम बिस्तर पर लेटे-लेटे अथवा बैठकर या खडे होकर ये व्यायाम कर सकते हैं ।३. आंखों की बीमारी और उस पर होमियोपैथी की औषधियां३ अ. रूटा ३० अथवा २००३ आ. ॲकोनाइट ३०३ इ. अर्निका ३०३ ई. बेलाडोना ३०३ उ. आर्सेनिक आल्ब … Read more

आम्लपित्त (Acidity) इस बीमारी पर होमिओपैथी औषधियों की जानकारी

पेट में आम्ल की (acid की) मात्रा अधिक होने से आम्लपित्त का कष्ट होता है । मुंह में खट्टा स्वाद आना, छाती में जलन, ग्रहण किया अन्न अथवा खट्टा पानी पेट से पुन: मुंह में आना, निगलने में कष्ट होना, अपचन होना, पेट के ऊपर के भाग में वेदना इत्यादि आम्लपित्त के लक्षण हैं ।

बद्धकोष्ठता (Constipation) इस बीमारी पर होमियोपैथी औषधि

सप्ताह में ३ से कम बार शौच होना, शौच शुष्क एवं कडक होना, शौच करने में कठिनाई होना, शौच करते समय वेदना होना, इसके साथ ही शौच अपूर्ण होने का भान होना, इसे ‘बद्धकोष्ठता’ कहते हैं । अयोग्य आहार की आदत, यह बद्धकोष्ठता का प्रमुख कारण हैं ।

उलटी (Vomiting) पर होमियोपैथी औषधियों की जानकारी

पेट में अन्न अपनेआप, जोर से मुख के रास्ते बाहर गिरना, इसे ‘उलटी होना’, कहते हैं । सामान्यतः पेट की क्षमता से अधिक अन्न ग्रहण करना, दूषित अन्न ग्रहण करना इत्यादि कारणों से उलटी होती है । उलटी शरीर के पेट के कष्टदायक घटक बाहर फेंक देने की प्राकृतिक प्रक्रिया है ।

पेट में वेदना (Abdominal pain) इस बीमारी पर होमियोपैथी औषधियों की जानकारी

पेट में सौम्य से तीव्र वेदना विविध कारणों से हो सकती है । प्रत्येक कारण के अनुसार उसका विशिष्ट उपचार लेना आवश्यक होता है; परंतु पेटदर्द का निश्चित निदान होने तक हम आगे दिए अनुसार औषधोपचार आरंभ कर सकते हैं ।

होमियोपैथी ‘स्वउपचार’विषयी मार्गदर्शक सूत्र

अब हम देखेंगे ‘अपनी बीमारी पर अचूक गुणकारी औषधि ढूंढना, कुछ बीमारियों के विषय में आरंभ में लक्षणों की तीव्रता न्यून करनेवाली औषधि लेना क्यों आवश्यक होना, औषधि तैयार करने की पद्धति और औषधि का परिणाम कैसे पहचानें ?’, इत्यादि संबंधी जानकारी ।

वर्तमान के ‘ऑनलाईन’ काल में आंखों की उचित देखभाल के लिए आगे दी गईं बातें ध्यान में रखें !

आंखों की देखभाल के विविध उपाय एवं आंखें निरोगी रहने के लिए आदर्श दिनचर्या कैसी होनी चाहिए ? इस विषय में समझ लेंगे ।

कोरोना के लिए उपयुक्त औषधियां

यदि ऑक्सीजन की मात्रा कम हो तो, आरंभ में कार्बोवेज २०० की २ बूंदें हर २ घंटे में और बाद में २ बूंदें दिन में ३ बार लें । आरंभ में ऐस्पिडोस्पर्मा Q की १० बूंदें पाव कप पानी में हर २ घंटे में और बाद में दिन में १० बूंदें ३ बार लें । ये दोनों औषधियां लें ।

‘म्युकरमाइकोसिस’ अथवा ‘ब्लैक फंगस’ रोग के लक्षण और उस पर होमियोपैथिक औषधियों के उपचार !

‘ब्लैक फंगस’ एक प्रकार की फफूंद है तथा वह घासफूस तथा प्राणियों के गोबर के स्थान पर दिखाई देती है । इसका बीज हवा से वातावरण में फैलता है और श्‍वास द्वारा हमारी नाक में जाता है । हमारी प्रतिरोधक शक्ति अच्छी हो, तो हमारे शरीर पर उसका परिणाम नहीं होता ।