उलटी (Vomiting) पर होमियोपैथी औषधियों की जानकारी

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सभी से विनती है कि बीमारी पर स्वउपचार आरंभ करने से पूर्व ‘होमियोपैथी स्वउपचार संबंधी मार्गदर्शक सूत्र और औषधि का चयन कैसे करें ?’, इससे संबंधित जानकारी पाठक पहले पढकर समझ लें और उस अनुसार ही औषधि का चयन करें !

संकलक : होमियोपैथी डॉ. प्रवीण मेहता, डॉ. (श्रीमती) संगीता अ. भरमगुडे और डॉ. अजित भरमगुडे

पेट में अन्न अपनेआप, जोर से मुख के रास्ते बाहर गिरना, इसे ‘उलटी होना’, कहते हैं । सामान्यतः पेट की क्षमता से अधिक अन्न ग्रहण करना, दूषित अन्न ग्रहण करना इत्यादि कारणों से उलटी होती है । उलटी शरीर के पेट के कष्टदायक घटक बाहर फेंक देने की प्राकृतिक प्रक्रिया है । मितली आना, यह उलटी की प्रक्रिया के पहले का चरण है ।

यदि अति खाना, इन जैसे सामान्य कारण से उलटी हुई हो, तो उसके लिए औषधि लेने की आवश्यकता नहीं । अन्न ग्रहण न करना अथवा अल्प ग्रहण करना; तैलीय, मसालेदार पदार्थ, कॉफी इत्यादि टालना, इस माध्यम से पेट को विश्राम देना पर्याप्त होता है । उसके साथ उलटी रुकने के उपरांत २ घंटों में पानी, सौम्य सार (सूप), इसके साथ ही फल का रस ग्रहण कर सकते हैं ।

जब उलटी विशिष्ट बीमारी के कारण, उदा. आधा सिरदर्द या अधकपारी (migraine), मूत्रपिंड की बीमारी इत्यादि के कारण हो रही हो, तब उस रोग के लिए विशिष्ट उपचार लेना आवश्यक होता है ।

उलटी होना, इस लक्षण के अतिरिक्त कोई अन्य विशेष लक्षण हों, तो उसके अनुरूप औषधि लें । (यह औषधि के नाम के आगे दिया है ।)

 

 

१. होमियोपैथी की औषधि

होमियोपैथी वैद्य (डॉ.) प्रवीण मेहता

१ अ. इपिकैकुआन्हा (Ipecacuanha)

१. अन्न में परिवर्तन होने के पश्चात पेट की शिकायत आरंभ होना; प्रत्येक शिकायत के साथ मितली और सूखी डकारें आना

२. मुंह में अत्यधिक लार एकत्र होना

३. उलटी होने पर अच्छा न लगना

४. जीभ पर परत न होना

१ आ. आर्सेनिकम् आल्बम् (Arsenicum Album)

१. छाती में जलन होना

डॉ. अजीत भरमगुडे

२. अन्न की गंध सहन न होना

३. उलटी के रास्ते अन्न और पित्त बाहर गिरना

४. सतत थोडा-थोडा पानी पीना

१ इ. फॉस्फोरस (Phosphorus)

उलटी होते समय ठंडा पानी ग्रहण करने की इच्छा होना, उसे ग्रहण करने पर मितली कम होना; परंतु कुछ मिनटों में ही पेट में जलन होकर तुरंत उलटी होना

१ ई. एंटिमोनियम क्रूडम् (Antimonium Crudum)

१. अति खाना अथवा पचने में भारी पदार्थ का सेवन करना, धूप में तपने के कारण उलटी होना

२. अन्न अथवा पेय ग्रहण करने के उपरांत तुरंत ही उलटी होना

३. जीभ पर मोटी सफेद परत होना

डॉ. (श्रीमती) संगीता अ. भरमगुडे

१ उ. एथुजा सायनापियम (Aethusa Cynapium)

छोटे बच्चों का दूध पीने के पश्चात तुरंत ही उलटी होना, बच्चे का थक जाना

१ ऊ. कॉक्क्युलस इंडिकस (Cocculus Indicus)

किसी भी मार्ग से (रस्ता, समुद्र, आकाश मार्ग) प्रवास करना, इससे उलटी होना

 

२. बाराक्षार औषधि

नेट्रम् फॉस्फोरिकम् (Natrum Phosphoricum)

मितली और उलटी होना

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