थाईलैंड का प्राचीन नगर – अयुद्धया

प्राचीन काल में जिसे श्याम देश कहा जाता था, वह भूभाग है, आज का थाईलैंड देश ! इस भूभागपर अभीतक अनेक हिन्दू तथा बौद्ध राजाआें ने राज्य किया । यहां की संस्कृति हिन्दू धर्मपर आधारित थी; परंतु कालांतर से बौद्धों के सांस्कृतिक आक्रमण के कारण इस स्थानपर बौद्ध धर्म प्रचालित हुआ ।

रामनाथी (गोवा) के सनातन के आश्रम में भावपूर्ण वातावरण में राजमातंगी यज्ञ संपन्न !

वैशाख कृष्ण पक्ष सप्तमी अर्थात ७ मई २०१८ को परात्पर गुुरु डॉ. जयंत आठवलेजी का ७६वां जन्मोत्सव समारोह संपन्न हुआ । परात्पर गुुरु डॉ. आठवलेजी की जन्मोत्सव के उपलक्ष्य में रामनाथी (गोवा) के सनातन के आश्रम में विविध यज्ञ संपन्न हुए ।

परात्पर गुुरु डॉ. जयंत आठवलेजी के जन्मोत्सव के उपलक्ष्य में मंदिर में मनौती मांगनेसहित मंदिर स्वच्छता का भी आयोजन !

सनातन संस्था के संस्थापक तथा हिन्दू जनजागृति समिति के प्रेरणास्रोत परात्पर गुरु डॉ. जयंत आठवलेजी के ७६वें जन्मोत्सव के उपलक्ष्य में स्थानीय धर्माभिमानियों ने हिन्दू राष्ट्र की स्थापना के लिए उंड्री के विठ्ठल मंदिर तथा वडगावशेरी के बल्लाळेश्‍वर मंदिर में देवताआें से मनौती मांगी ।

७६ वे जन्मोत्सव के पावन अवसर पर परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी ने साधकोंको दिया श्रीविष्णुरूप में दर्शन !

ब्रह्मांडनायक, ज्ञानगुुरु, राष्ट्रगुुरु तथा मोक्षगुुरु तथा अनेक जीवों का उद्धार करनेवाले परात्पर गुुरु डॉ. जयंत आठवलेजी का ७६वां जन्मोत्सव पृथ्वी के वैकुंठलोक में अर्थात सनातन के रामनाथी के आश्रम में संपन्न हुआ ।

गुरुप्राप्ति एवं गुरुकृपा होने हेतु क्या करें ?

आध्यात्मिक उन्नति हेतु जो गुरु द्वारा बताई साधना करता है, उसे ‘शिष्य’ कहते हैं । शिष्यत्व का महत्व यह है कि उसे देवऋण, ऋषिऋण, पितरऋण एवं समाजऋण चुकाने नहीं पडते ।

निपाणी (कर्नाटक) में सनातन संस्था की ओर से साधना तथा हिन्दू राष्ट्र के विषयपर मार्गदर्शन !

यहां की गुुरुकुल एकेडमी में ३ अप्रैल को परात्पर गुरु डॉ. जयंत आठवलेजी के जन्मोत्सव के उपलक्ष्य में आधुनिक वैद्या (श्रीमती) शिल्पा कोठावळे ने साधना एवं हिन्दू राष्ट्र के विषयपर प्रवचन लिया ।

रामनाथी आश्रम में भावपूर्ण तथा चैतन्यमय वातावरण में विविध यज्ञ संपन्न !

वैशाख कृष्ण सप्तमी अर्थात ७ मई २०१८ को परात्पर गुुरु डॉ. जयंत आठवलेजी का ७६वां जन्मोत्सव था । इसके उपलक्ष्य में ६ मई को रामनाथी (गोवा) के सनातन के आश्रम में अघोरास्त्र यज्ञ, संधिशांति तथा साम्राज्यलक्ष्मी यज्ञ चैतन्यमय तथा भावपूर्ण वातावरण में संपन्न हुए ।

रामनाथी (गोवा) के सनातन आश्रम में उग्रप्रत्यंगिरा यज्ञ चैतन्यदायक वातावरण में संपन्न

शाख कृष्ण सप्तमी अर्थात ७ मई २०१८ को परात्पर गुरु डॉ. जयंत आठवलेजी का ७६वां जन्मोत्सव था । इस उपलक्ष्य में ५ मई को रामनाथी (गोवा) के सनातन के आश्रम में महर्षिजी के निर्देश के अनुसार उग्रप्रत्यंगिरा यज्ञ चैतन्यदायक वातावरण में संपन्न हुआ ।

साधकों को प्रत्यक्ष कृति से सिखानेवाले परात्पर गुरु डॉ जयंत आठवलेजी !

परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी की जीवन यात्रा देखें तो उनकी प्रत्येक कृति आदर्श है, यह पग-पग पर दिखाई देता है । साधक भी वैसे ही तैयार होें, वह सेवा की बारीकियों का अध्ययन कर प्रत्येक कृति ईश्‍वर को अपेक्षित ऐसी परिपूर्ण करें, ऐसी उनकी लगन है ।