रामनाथी (गोवा) के सनातन आश्रम में उग्रप्रत्यंगिरा यज्ञ चैतन्यदायक वातावरण में संपन्न

परात्पर गुरु डॉ. जयंत आठवलेजी के ७६वें जन्मोत्सव के उपलक्ष्य में

यज्ञ में आहुति डालते हुए बाईं ओर से सद्गुुरु (श्रीमती) अंजली गाडगीळजी, सद्गुरु (श्रीमती) बिंदा सिंगबाळजी तथा मंत्रोच्चारण करते हुए पुरोहित

रामनाथी, गोवा, ५ मई : वैशाख कृष्ण सप्तमी अर्थात ७ मई २०१८ को परात्पर गुरु डॉ. जयंत आठवलेजी का ७६वां जन्मोत्सव था । इस उपलक्ष्य में ५ मई को रामनाथी (गोवा) के सनातन के आश्रम में महर्षिजी के निर्देश के अनुसार उग्रप्रत्यंगिरा यज्ञ चैतन्यदायक वातावरण में संपन्न हुआ । इस यज्ञ के समय परात्पर गुुरु डॉ. जयंत आठवलेजी की वंदनीय उपस्थिति थी । हिन्दू राष्ट्र की स्थापना में तथा साधकों की समष्टि साधना में आनेवाली बाधाएं दूर हों, इस उद्देश्य से यह यज्ञ किए जा रहे हैं । ४ मई को परिशिष्टोक्त ग्रहयज्ञ भावपूर्ण तथा चैतन्यदायक वातावरण में संपन्न हुआ । उसमें पुरोहितों ने देवताआें का आवाहन, देवता पूजन तथा हवन जैसे विविध धार्मिक विधि किए । यज्ञ में हवन डालने की विधि में सद्गुरु (श्रीमती) बिंदा सिंगबाळजी तथा सद्गुरु (श्रीमती) अंजली गाडगीळजी ने भाग लिया । सनातन पुरोहित पाठशाला के पुरोहितों ने यज्ञ का पौराहित्य किया । इस यज्ञ के समय सनातन के संतों की वंदनीय उपस्थिति थी ।

परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी द्वारा नवग्रह याग का संकल्प
करते समय उत्तरापुत्री (सद्गुरु (श्रीमती) बिंदा सिंगबाळजी) की ओर एक शक्ति
के जाने के संबंध में महर्षि मयन द्वारा बताया जाना तथा पृथ्वीपर अग्नि के रूप में उसकी प्राप्त साक्ष !

४.५.२०१८ की सुबह जब परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी नवग्रह याग का संकल्प कर रहे होंगे, तब उत्तरापुत्री (सद्गुरु (श्रीमती) बिंदा सिंगबाळ) की ओर एक शक्ति जाएगी तथा पृथ्वीपर कहीं न कहीं प्रलयकारी अग्नि के रूप में उसकी साक्ष मिलेगी । – महर्षि मनय, पू. डॉ. ॐ उलगनाथनजी के माध्यम से (४.५.२०१८)

४.५. २०१८ की सुबह ९.३० बजे संकल्प विधि पूर्ण हुआ । उसके पश्‍चात दोपहर ३.३० बजे हमें यह समाचार मिला कि उत्तर अमेरिका के हवाई द्वीपपर स्थित किलऊ नामक ज्वालामुखी फट गया तथा उससे १०० फीट की ऊंचाईतक उसका लावारस उछला । (ज्वाामुखी अग्नि का ही एक रूप है ! – संकलक) जब यह समाचार पू. डॉ. ॐ उलगनाथन् को बताया गया, तब वे कहने लगें, ज्वालामुखी का विस्फोट होना भूदेवी का अवतार उत्तरापुत्री से संबंधित है । आज के दिन गुरुदेवजी द्वारा उत्तरापुत्री को बताया गया यह एक देवरहस्य है । (सद्गुुरु (श्रीमती) बिंदा सिंगबाळजी भूदेवी का एक रूप हैं । भूगर्भ से उछला हुआ ज्वाामुखीस्वरूप अग्नि भूदेवी की शक्ति है । – संकलक)

– श्री. विनायक शानभाग

देवताआें द्वारा नवग्रह याग का स्वीकार किए जाने
का महर्षि मयन द्वारा बताया जाना तथा उसकी प्राप्त साक्ष !

४.५.२०१८ को गुरुदेवजी की उपस्थिति में संपन्न याग देवताआें द्वारा स्वीकार किया गया है तथा उसकी साक्ष यह है कि आनेवाले ३-४ दिनों में पृथ्वीपर कई स्थानोंपर वर्षा होगी अथवा पानी से संबंधित समाचार मिलेंगे, साथ ही अग्नि से संबंधित कुछ समाचार भी मिलेंगे । – महर्षि मयन, पू. डॉ. ॐ उलगनाथन्जी के माध्यम से (४.५.२०१८), सायं. ७.५०

(४.५.२०१८ को उत्तर अमेरिका के हवाई द्वीपपर स्थित किलऊ नामक ज्वालामुखी का विस्फोट हुआ तथा उससे १०० मीटर ऊंचाईवाला लावा उछल गया, यह अग्नि से संबंधित समाचार है । – संकलक)

– श्री. विनायक शानभाग, गोवा

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