उदयकाल के संदर्भ में पालन करने योग्य आचार

उदयकालीन सूर्य की किरणों का स्पर्श क्यों न होने दें ?, सूर्योदय एवं सूर्यास्त के संधिकाल में साधना करने का महत्त्व
सनातन निर्मित ग्रंथ : आदर्श दिनचर्या एवं अध्यात्मशास्त्र

ब्राह्ममुहूर्त पर उठने के ९ लाभ !

ब्राह्ममुहूर्त यह सवेरे ३.४५ से ५.३० तक ऐसे दो घंटों का होता है । इसे रात्रि का ‘चौथा प्रहर’ अथवा ‘उत्तररात्रि’ भी कहते हैं । इस काल में अनेक बातें ऐसी होती रहती हैं कि जो दिनभर के काम के लिए लगनेवाली ऊर्जा करती हैं । इस मुहूर्त पर उठने से हमें एक ही समय पर ९ लाभ मिलते हैं ।

शरीर को स्वस्थ रखने के लिए आयुर्वेद के नियमों का पालन करें !

शरीरमाद्यं खलु धर्मसाधनम् । अर्थात, धर्माचरण के लिए (साधना करने के लिए) शरीर का स्वस्थ रहना अत्यंत आवश्यक है ।

मनःशांति एवं निरोगी जीवन देनेवाली योगविद्या !

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्रों में योगशास्त्र का महत्त्व जगभर के अन्य देशों के मन पर अंकित किया । अत: संयुक्त राष्ट्रों ने २१ जून को ‘आंतरराष्ट्रीय योग दिवस’ के रूप में घोषित किया

सूर्य नमस्कार

सूर्य नमस्कार योगासनों में सर्वश्रेष्ठ है । सूर्य नमस्कार को एक संपूर्ण व्यायाम माना जाता है । जानिए, सूर्य नमस्कार का लाभ एवं वह कैसे करें ।

दिनचर्या

आज की इस भागदौडभरे जीवन में लोगों की जीवनशैली बहुत बिगड चुकी है । लोग सुबह देरतक सोए रहते हैं और देररात सोते हैं ।

हाथ-पैर धोना तथा कुल्ला करनेके संदर्भमें आचार

शौच एवं लघुशंका जैसी कृति करते समय पैरके संपर्कमें आई रज-तमात्मक तरंगोंका पैर धोनेसे जलमें विसर्जन होता है तथा देह शुद्ध हो जाता है । हाथ-पैर धोना तथा कुल्ला करनेके संदर्भमें आचारके संदर्भमें देखते है…

नींदसे जागनेपर भूमिवंदना क्‍यों करते है ?

रात्रिकालमें तमोगुण प्रबल होता है । ‘भूमिसे प्रार्थना कर ‘समुद्रवसने देवी…’ श्लोक कहकर भूमिपर पैर रखनेसे, रात्रिकालमें देहमें आवेशित कष्टदायक स्पंदन भूमिमें विसर्जित हो जाते हैं ।