देवता को चित्र-विचित्र रूप में दिखाकर देवता की अवकृपा ओढ न लें !

धर्महानि रोकना कालानुसार आवश्यक धर्मपालन है और वह उस देवता की समष्टि स्तर की साधना ही है । बिना इस उपासना के देवता की उपासना पूर्ण नहीं हो सकती है ।

कागद की लुगदी से बनाई गई गणेशमूर्ति हानिकारक होने का वैज्ञानिकदृष्टि से भी प्रमाणित !

हाल ही में कथित पर्यावरणवादी कागद की लुगदी से बनाई जानेवाली श्री गणेशमूर्ति का समर्थन करते हैं, तथापि उसके कारण कितना प्रदूषण होता है, यह भी जान लेना आवश्यक है । 

मुंबई के कुछ मूर्तिकारों ने बनाई सूर्यफुल के बीज के साथ तथाकथित पर्यावरण के अनुकूल श्री गणेश मूर्ति!

त्यौहार और उत्सवों में प्रत्येक कृति आध्यात्मिक लाभ के लिए की जाती है, इस धर्मशिक्षा के अभाव के कारण हिन्दुओं को ध्यान में नहीं आता । गणेशोत्सव का आध्यात्मिक लाभ पाने के लिए भाविकों को शास्त्रीय पद्धति के अनुसार शाडू की श्री गणेशमूर्ति की स्थापना करनी चाहिए ।

श्री गणेशमूर्ति विसर्जन का विरोध करनेवाले ढोंगी सुधारकों की टोली का पशुवधगृह और अपशिष्ट जल (गंदे पानी) के कारण होनेवाले जलप्रदूषण की ओर अनदेखा !

नियंत्रक और महालेखापरीक्षक का आर्थिक वर्ष २०१०-११ (३१ मार्च २०११ को समाप्त हुआ आर्थिक वर्ष) के ब्यौरे में जलप्रदूषण के स्रोत के विषय में बताते हुए उन्होंने पशुवधगृहों का उल्लेख किया था । उसमें आगे दिए अनुसार कहा है ।

श्री गणेशभक्तो, क्या आप ये जानते हैं ?

श्री गणेश ब्रह्मांड की दूूषित शक्ति को आकर्षित करनेवाले हैं, इसके साथ ही मनुष्य की बुद्धि में विवेक निर्माण करनेवाले हैं । श्री गणेश की उपासना से विकल्पशक्ति प्रभाव नहीं डालती ।

गणेश मूर्ति विसर्जन से प्रदूषण होता है, ऐसा शोर मचानेवालों, अपशिष्ट जल (कारखानों इत्यादि का पानी) द्वारा होनेवाले भीषण जलप्रदूषण का विचार करें !

महाराष्ट्र की नगरपालिका और नगरपरिषद के क्षेत्रों में प्रतिदिन निर्माण होनेवाले अपशिष्ट जल, उस पर की जानेवाली प्रक्रिया और उसका निस्तारण, इस विषय की एक सारणी शासन ने ही प्रकाशित की है । यह सारणी फरवरी २०१४ की है । इससे आपके ध्यान में आएगा कि जलप्रदूषण गणेश मूर्ति के कारण होता है कि शासकीय अधिकारियों की कामचोरी के कारण ?

सनातन-निर्मित सात्त्विक श्री गणेश मूर्ति

श्री गणपतिके हाथकी लंबाई, मोटाई, आकार अथवा मुकुटकी कलाकृतियोंमें थोडा भी परिवर्तन करनेपर पूरे स्पंदन परिवर्तित हो जाते हैं ।

कोजागरी पूर्णिमा (शरद पूर्णिमा)

कोजागरी पूर्णिमा के दिन रात्रि को लक्ष्मी तथा इंद्र की पूजा की जाती है । कोजागरी पूर्णिमा की कथा इस प्रकार है कि, बीच रात्रि में लक्ष्मी पृथ्वी पर आकर जो जागृत है, उसे धन,अनाज तथा समृद्धी प्रदान करती है ।

कुरुंदवाड (कोल्हापुर) नगरपरिषदद्वारा दान में ली गई श्री गणेशमूर्तियों का अत्यंत गंदगी भरे पानी में पुनर्विसर्जन !

कुरुंदवाड में १० सितंबर को एक राजनीतिक पक्ष की महिला कार्यकर्ताओंद्वारा श्री गणेशमूर्तियों का दान, भक्तोंद्वारा लिया जा रहा था। हिन्दू जनजागृति समिति के कार्यकर्ता डॉ. उमेश लंबे ने इस बात की ओर इस पक्ष के प्रमुख का ध्यान आकृष्ट किया।

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पूजाविधि

भगवान श्रीकृष्ण की पूजा करना श्रावण कृष्ण पक्ष अष्टमी को भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ । यह दिन श्रीकृष्णजयंती के रूप में मनाया जाता है । प्रस्तुत लेख में श्रीकृष्ण की पूजाविधि दी है । पूजा के मंत्रों का अर्थ समझ में आने पर, भगवान श्रीकृष्ण की पूजा अधिक भावपूर्ण होने में सहायता होती है … Read more