गंगानदी से आशीर्वाद पाने के लिए भगीरथ-जैसी भक्ति करो !

गंगा केवल नदी नहीं, श्रेष्ठतम तीर्थदेवी भी है । इसलिए, यह भारतवासियों के लिए प्राणों से अधिक प्रिय है । भक्तों के पाप धोने का कार्य ईश्‍वर ने इसे सौंपा है । गंगा व्यक्ति को स्नान से, तो नर्मदा केवल दर्शन से शुद्ध करती है ।

महर्षि अरविंद का भारतीय स्वतंत्रता के क्रांतिकार्य में सहयोग !

अलीपुर के सभागृह से मुक्त होने के पश्चात् कोलकात्ता के उत्तरपाडा में १० सहस्त्र श्रोताओं के सामने भाषण करते समय महर्षि अरविंद ने यह स्पष्ट किया कि,‘हम दैवी आदेशानुसार राष्ट्रकार्य करेंगे ।’

गोमाता का आध्यात्मिक महत्त्व, उसकी सेवा करने से लाभ और रक्षा करनेवालों को मिलनेवाला फल

हिन्दू धर्मशास्त्रों ने गाय, नदी और भारतभूमि को ‘देवी’ कहकर उन्हें माता का स्थान दिया है । इसलिए, प्रत्येक हिन्दू के लिए गोमाता पूजनीय है ।

भारत की सीमा की रक्षा करनेवाली जैसलमेर (राजस्थान) की श्री तनोटमाता

श्री तनोटमाता मंदिर, राजस्थान राज्य के जैसलमेर जनपद से १३० किलोमीटर दूर थार मरुस्थल (रेगिस्तान) में भारत-पाकिस्तान की सीमा पर स्थित है । भारत-पाकिस्तान युद्ध के समय हुई अद्भुत घटनाओं के कारण यह मंदिर विख्यात है ।

ज्योतिर्मय काशी (उत्तरप्रदेश) की श्री ब्रह्मचारिणी देवी

काशी के दुर्गाघाट पर श्री ब्रह्मचारिणी देवी का मंदिर है । शारदीय नवरात्रि के दूसरे दिन श्री ब्रह्मचारिणी देवी की पूजा की जाती है । देवी के प्रति श्रद्धालुओं का विश्वास है कि ‘इस देवी के दर्शन से परब्रह्म की प्राप्ति होती है |

देवी का महत्त्व !

कुलदेवी, ग्रामदेवी, शक्तिपीठ आदि रूपों में देवी के विविध सगुण रूपों की उपासना की जाती है । हिन्दू संस्कृति में जितना महत्त्व देवता का है उतना ही महत्त्व देवी को भी दिया जाता है,

५१ शक्तिपिठों मेंसे एक श्रीक्षेत्र काशी (उत्तरप्रदेश) की श्री बंदीदेवी

श्रीक्षेत्र काशी के दशाश्वमेध किनारे पर श्री बंदीदेवी का मंदिर है । यह देवी ५१ शक्तिपिठों मेंसे एक है । देवी के दायी ओर वेणीमाधव, बायी ओर दो मारुति, अक्षत वड, वासुकी(नाग) तथा बीच में प्रयागेश्वर की प्रतिमा हैं ।

शक्तिदेवता !

इस वर्ष की नवरात्रि के उपलक्ष्य में हम देवी के इन ९ रूपों की महिमा समझ लेते हैं । यह व्रत आदिशक्ति की उपासना ही है !

झारखंड स्थित विश्वविख्यात श्री छिन्नमस्तिका देवी का अति प्राचीन मंदिर !

झारखंड की राजधानी रांची से ८० किलोमीटर दूर रामगढ जनपद के रजरप्पा गांव में श्री छिन्नमस्तिका देवी का विश्वविख्यात मंदिर है । भारत के अनेक प्राचीन मंदिरों में एक  यह मंदिर, भैरवी तथा दामोदर इन नदियों के संगम पर स्थित है ..

चंडीविधान (पाठ एवं हवन)

श्री दुर्गादेवी का एक नाम है चंडी । मार्कडेय पुराण में चंडी देवी का माहात्म्य बताया गया है, जिसमें उसके अवतारों का एवं पराक्रमों का विस्तार से वर्णन किया गया है ।