भगवान शिव का स्मरण कर, राजकाज करनेवाली राजमाता अहिल्याबाई होलकर !

राजमाता अहिल्याबाई होलकर भगवान शिव की भक्त थीं । वे प्रतिदिन शिवजी की पूजा करती थीं । शिवजी की उपासना से उनका आध्यात्मिक बल बढ गया था और इसी बल के आधार पर ही वे उत्तम रीति से राजकाज कर सकीं ।

कवळे, गोवा का नयनमनोहर एवं जागृत श्री शांतादुर्गा देवस्थान !

मां जगदंबा का एक रूप है, गोवा राज्य के फोंडा तहसील में स्थित कवळे ग्राम की श्री शांतादुर्गादेवी ! यह गोवा का अत्यंत प्राचीन, जागृत तथा विख्यात मंदिर है । श्री शांतादुर्गादेवी तथा देवी के अन्य रूपों के संदर्भ में विस्तृतरूप से हम समझ लेंगे ।

कमलककडी से कागद बनवानेवाले राजा ‘भोज’ !

आजकल हमारे विद्यालयों में पढाया जाता है कि प्राचीन मिस्त्र (इजिप्त) देश में ‘पपायरस’ नामक पेड से कागद बनाया जाता है । परंतु, कागदनिर्माण का सत्य इतिहास कुछ और ही है ।

धर्मसम्राट करपात्री स्वामीजी का अलौकिक कार्य !

वर्ष १९०७ में श्रावण शुक्ल पक्ष द्वितीया को उत्तरप्रदेश के प्रतापगड जिले के भटनी ग्राम में करपात्री स्वामीजी का जन्म हुआ था ।

सनातन संस्‍था और हिन्‍दू जनजागृति समिति की ओर से पूरे देश में शंखनाद कर सरकारी और चिकित्‍सकीय कर्मचारियों के प्रति कृतज्ञता व्‍यक्‍त !

गोवा, महाराष्ट्र, कर्नाटक उत्तर भारत सहित देशभर के विविध राज्यों में सनातन संस्था के साधक और हिन्दू जनजागृति समिति के कार्यकर्ताओं ने प्रधानमंत्री के इस आवाहन का क्रियाशील प्रत्युत्तर करते हुए कृतज्ञता व्यक्त की ।

कोरोना का निमित्त कर नास्‍तिकतावादियों द्वारा हिन्‍दू धर्म पर की गई विद्वेषमूलक आलोचना का प्रतिवाद !

कोरोना के नाम पर कुछ नास्तिकतावादियों ने सामाजिक प्रसारमाध्यमों में हिन्‍दू धर्म की विद्वेषमूलक आलोचना से संबंधित संदेश प्रसारित किया है ।

शिव-पार्वती, ३३ करोड देवी-देवता, सप्तर्षि और कामधेनु के वास्तव्य से पावन जम्मू  की ‘शिवखोरी’ गुफा  !

भगवान शिव कैलास छोडकर कभी कहीं नहीं जाते हैं । इस अवसर पर कैलास छोडकर शिवजी को पार्वती और नंदी के साथ एक गुफा में रहने जाना पडा । वह गुफा है शिवखोरी की गुफा ।

दूधजन्य पदार्थ किसने और कब खाने चाहिए ?

मूलतः दूध अच्छा है; इसलिए दूधजन्य पदार्थ भी खाने में अच्छे होते हैं, ऐसा कुछ नहीं है । दूध और उससे बननेवाले सभी पदार्थों के गुणधर्म एक जैसे नहीं होते ।

चेन्नई में श्राद्धविधि के समय सनातन संस्था के ग्रंथप्रदर्शन का आयोजन

सनातन संस्था के साधक श्री. जयकुमार के पिताजी के प्रथम श्राद्धविधि के उपलक्ष्य में १५ मार्च २०२० को चेन्नई में सनातन संस्था की ओर से ग्रंथ और सात्त्विक उत्पाद का प्रदर्शन लगाया गया था ।