हिन्दू राष्ट्र-स्थापना हेतु ‘आपातकाल के पूर्व ग्रंथों के माध्यम से अधिकाधिक धर्मप्रसार हो’, यह सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी का संकल्प कार्यरत होने के कारण इस कार्य में उत्कंठापूर्वक सम्मिलित होनेवालों पर उनकी अपार कृपा होगी

ज्ञानशक्ति के माध्यम से कार्य होने का सर्वाधिक प्रभावी माध्यम है ‘ग्रंथ’ ! संक्षेप में ‘ग्रंथों के माध्यम से धर्मप्रसार करना’, वर्तमान काल की श्रेष्ठ साधना है । इसीलिए ‘आपातकाल के पूर्व ग्रंथों के माध्यम से अधिकाधिक धर्मप्रसार हो’, यह सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. आठवलेजी की तीव्र उत्कंठा है ।

युवा पीढी तथा अभिभावकों से विनम्र अनुरोध !

ग्रंथसेवा तो श्रेष्ठ ज्ञानशक्ति के स्तर की सेवा है, इसलिए यह सेवा शीघ्र आध्यात्मिक उन्नति करानेवाली सेवा भी है । अतः युवको, अपनी रुचि एवं क्षमता के अनुसार आप इस ग्रंथनिर्मिति की सेवा में सम्मिलित होकर इस स्वर्णिम अवसर का लाभ उठाएं !

भीषण आपातकाल आरंभ होने के पूर्व ही सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी के ग्रंथनिर्मिति के कार्य में सम्मिलित होकर शीघ्र ईश्वरीय कृपा के पात्र बनें !

हिन्दू राष्ट्र कुछ सहस्र वर्ष रहेगा; परंतु ग्रंथों का ज्ञान अनंत काल बना रहेगा, इसलिए जिस प्रकार हिन्दू राष्ट्र शीघ्र साकार होना आवश्यक है, उतनी ही शीघ्रता से भीषण आपातकाल आरंभ होने के पूर्व ग्रंथ प्रकाशित करने की भी है । 

सनातन के आश्रमों में सोलापुरी चादर, प्लेन (बिना डिजाइन) बेडशीट्स एवं टर्किश टॉवेल्स की आवश्यकता !

जो पाठक, शुभचिंतक एवं धर्मप्रेमी उपरोक्त सामग्री अर्पण स्वरूप में दे सकते हैं अथवा उसे खरीदने के लिए धनरूप में यथाशक्ति सहयोग करने के इच्छुक हैं, वे आगे दिए क्रमांक पर संपर्क करें ।

अर्पणदाताओ, गुरुपूर्णिमा के उपलक्ष्य में धर्मकार्यार्थ धन अर्पण कर गुरुतत्त्व का लाभ लें !

संत तथा राष्ट्र व धर्म की रक्षा हेतु कार्य करनेवाली संस्था को दान करना, धर्मकार्य में अपना सहयोग देना है । ऐसा करने से ईश्वर की कृपा दृष्टि शीघ्र होने में सहायता मिलती है ।

सनातन आश्रम रामनाथी (गोवा) और देवद (पनवेल) में ‘ऑक्‍सीजन कॉन्‍सेन्‍ट्रेटर’ की त्‍वरित आवश्‍यकता !

सनातन के रामनाथी और देवद आश्रम में राष्‍ट्र और धर्म का कार्य नि:स्‍वार्थता से करनेवाले अनेक साधक निवास करते है । इनमें से कुछ रोगी साधकों के लिए समय-समय पर ऑक्‍सीजन की आवश्‍यकता होती है । वर्तमान में बाहर सर्वत्र ऑक्‍सीजन का अभाव है ।

आपातकाल की दृष्टि् से तैयारी करने के लिए नई अथवा पुरानी बैलगाडी, घोडागाडी अथवा उनके अंग (पुरजे) दान करें अथवा अल्प मूल्य में देनेवालों के विषय में जानकारी भेजें !

आपातकाल में डीजल-पेट्रोल उपलब्‍ध नहीं हो पाएंगा । तब, दैनिक आवश्‍यकताआें की पूर्ति के लिए प्राचीन काल की भांति बिना डीजल-पेट्रोल से चलनेवाले वाहनों (उदा. बैलगाडी, घोडागाडी) का उपयोग करना पडेगा । ये सब साधन प्राप्‍त करना, उन्‍हें चलाना, उनकी देखभाल और सुधार करना तथा उनसे जुडे पशुआें का पालन-पोषण करने का कौशल तुरंत सीख लेना आवश्‍यक है ।

सनातन संस्‍था एवं हिन्‍दू जनजागृति समिति द्वारा आयोजित किए जानेवाले ऑनलाइन सत्‍संगों के चित्रीकरण के लिए विविध उपकरणों की आवश्‍यकता !

सनातन संस्‍था एवं हिन्‍दू जनजागृति समिति द्वारा आयोजित किए जानेवाले ऑनलाइन सत्‍संगों के चित्रीकरण के लिए विविध उपकरणों की आवश्‍यकता है ।

अधिक मास के उपलक्ष्य में अखंडित धर्मप्रसार का कार्य करनेवाले सनातन आश्रमों में अन्नदान कर पुण्यसंग्रह के साथ आध्यात्मिक लाभ भी प्राप्त करें !

धर्मशास्‍त्र कहता है कि सद़्‍भावना पूर्वक ‘सत्‍पात्रे अन्‍नदान’ करने से अन्‍नदाता को उसका उचित फल मिलता है तथा सभी पापों से उसका उद्धार होकर वह ईश्‍वर के निकट पहुंचता है । अन्‍नदान करने से अन्‍नदाता को आध्‍यात्‍मिक स्‍तर पर भी लाभ होता है ।