वैवाहिक जीवन आनंदमय होने के लिए क्या करना चाहिए ?
विवाह के कारण परिवारव्यवस्था से उत्पन्न बच्चों को सुसंस्कार, प्रेम एवं सुरक्षा मिलती है । किंतु, व्यभिचार से उत्पन्न संतति, इन सबसे वंचित रहती है ।
विवाह के कारण परिवारव्यवस्था से उत्पन्न बच्चों को सुसंस्कार, प्रेम एवं सुरक्षा मिलती है । किंतु, व्यभिचार से उत्पन्न संतति, इन सबसे वंचित रहती है ।
जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभावों से जड़ी-बूटियों के संरक्षण के लिए तैयार किए जा रहे डाटा बेस के तहत पहली बार विज्ञानियों ने बदरी तुलसी पर परीक्षण किया।
जानिये इन प्रश्नोंके उत्तर – किस विधिमें पत्नी पतिकी बाइं ओर बैठे ?, पतिके दाहिने हाथको हस्तस्पर्श करते समय पत्नी अपनी चार उंगलियोंसे स्पर्श करती है, अंगूठेसे क्यों नहीं ? और अन्य प्रश्नोंके उत्तर |
विवाहमें अग्निको साक्षि मानकर वर एवं वधूको कुछ बंधन बनाने होते हैं तथा दोनों अग्निको वचन देते हैं ।
पशुके स्तरपर न रहकर उच्चतम स्तरपर जाकर, विवाह जैसे रज-तमात्मक प्रसंगको भी सात्त्विक बनाकर, उन्हें अध्यात्मसे जोडकर देवताओंके कृपाशीर्वाद प्राप्त करनेका अवसर हिंदु धर्मने दिया है ।
‘विवाह’ जीवनका एक महत्त्वपूर्ण संस्कार है । धार्मिक संस्कारोंको केवल परंपरागत करनेकी अपेक्षा, उनके शास्त्रीय आधारको समझकर करना महत्त्वपूर्ण होता है । शास्त्रीय आधार समझनेसे वह संस्कार अधिक श्रद्धापूर्वक होता है ।
भगवान शिव के कई प्राचीन मंदिर अत्यंत रहस्यमय भी हैं। छत्तीसगढ़ के खरौद नगर में स्थित एक प्राचीन मंदिर में जिस शिवलिंग की पूजा की जाती है, उसके बारे में मान्यता है कि यहां से एक मार्ग पाताल तक जाता है।
‘नाम’ साधना की नींव है । ३३ करोड देवी-देवताओं में से कौन-सा जप करना चाहिए, नामजप में आनेवाली बाधाएं, गलत धारणाएं इत्यादि के विषय में प्रायोगिक प्रश्नोत्तर इसमें दिए हैं ।
साधना करते हुए सूक्ष्म की विविध शक्तियां साधक को कष्ट देती हैं । उसे साधना के परमार्थ पथ से परावृत्त करने हेतु वे प्रयत्नरत होते हैं । इस पर कौन-सा उपाय करें इत्यादि के विषय के प्रश्नोत्तर प्रस्तुत स्तंभ में अंतर्भूत हैं ।
कर्मकांड साधना का प्राथमिक परंतु अविभाज्य भाग है । कर्मकांड में पालन करने योग्य विविध नियम, आचरण कैसे होना चाहिए, इस विषय में अनेक लोगों को जानकारी होती है; परंतु उसके पीछे का कारण और शास्त्र के विषय में हम अनभिज्ञ होते हैं ।