कर्मकांड संबंधी शंकानिरसन

कर्मकांड साधना का प्राथमिक परंतु अविभाज्य भाग है । कर्मकांड में पालन करने योग्य विविध नियम, आचरण कैसे होना चाहिए, इस विषय में अनेक लोगों को जानकारी होती है; परंतु उसके पीछे का कारण और शास्त्र के विषय में हम अनभिज्ञ होते हैं ।

अध्यात्म संबंधी शंकानिरसन

गांव-गांव के जिज्ञासु और साधकों के मन में सामान्य तौर पर निर्माण होनेवाली अध्यात्मशास्त्र के सैद्धांतिक और प्रायोगिक भाग की शंकाओं का निरसन सनातन संस्था के प्रेरणास्रोत प.पू. डॉ. जयंत आठवलेजी ने किया है ।

गंगा तट पर आकर मेरी हज यात्रा पूर्ण हुर्इ : तारिक फतेह

देवबंद पर हमला बोलते हुए तारि‍क ने कहा कि, उनके मदरसों को जिस मोहम्मद गजनी लूटा वह उसकी विचारधारा पर चलते हैं। आज दुनिया के मुसलमानों को मुल्लाओं के इस्लाम की बजाए अल्लाह के इस्लाम पर चलने की जरूरत है।

रामनाथी, गोवा के सनातन आश्रम में अनेक स्थानों पर अपनेआप बने ॐ का अस्पष्ट दिखाई देना

रामनाथी, गोवा स्थित सनातन आश्रम के विविध स्थानों पर अपनेआप बने ॐ चिन्हों का अस्पष्ट दिखाई देना और इस अस्पष्टता का कार्य-कारण विचार

रामनाथी, गोवा के सनातन आश्रम की सूक्ष्म-जगत् की प्रदर्शनी देखकर जिज्ञासुओं द्वारा प्राप्त अभिप्राय

सूक्ष्म जगत् की प्रदर्शनी देखकर यह प्रतीत हुआ कि, वर्तमान में वातावरण की अनिष्ट शक्तियों का प्रभाव सर्वत्र हो रहा है ।

यहां फेरे लेकर भगवान शिवजी ने किया था माता पार्वती से विवाह, आज भी जल रही वो अग्नि

भगवान शिवजी को पत‌ि रूप में पाने के ल‌िए देवी पार्वती ने कठोर तपस्या की थी। देवी पार्वती की कठोर तपस्या के बाद भगवान शिव ने उनके विवाह के प्रस्ताव को स्वीकार कर दिया। भगवान शिवजी और देवी पार्वती का विवाह उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में हुआ था।

सनातन-प्रकाशित ग्रंथों के कारण लोग धर्माचरण निरंतर कर पाएंगे ! – स्वामी प्रणवानंदजी महाराज

हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय मार्गदर्शक पू. चारुदत्त पिंगळेजी ने यहां के मार्कंडेय आश्रम के प्रमुख स्वामी प्रणवानंदजी महाराजजी से ४ जनवरी को नर्मदा तट पर स्थित मार्कंडेय आश्रम में भेंट की।

यहां मिला २००० वर्ष प्राचीन शिवलिंग, आता है तुलसी जैसा सुगंध !

शिवलिंग की सबसे बड़ी विशिष्टता यह है कि, इससे ऐसी बहुत सी ऐतिहासिक चीजें जुड़ी हैं जो आज भी इस जमीन में है और हमें हमारी पुरानी सभ्यता और उनसे जुड़े किस्से-कहानियों की याद दिलाती हैं।

त्रैलंग स्वामी

त्रैलंग स्वामी जी एक हिन्दू योगी थे । वे गणपति सरस्वती के नाम से भी जाने जाते थे । माना जाता है कि उनकी आयु लगभग ३०० वर्ष रही थी ।

मध्यप्रदेश के सीहोर जिले में ग्यारहवी-बारहवीं सदी के मंदिरों से मिली २० दुर्लभ प्राचीन मूर्तियां !

पुरातत्व विभाग के तकनीकी दल ने मध्यप्रदेश के सीहोर जिले के जावर तहसील के ग्राम वीलपान के समीप बसे देवबड़ला में परमाकालीन दो मंदिर ढूंढ निकाले हैं।