सनातन के देवद (पनवेल) के आश्रम में धर्मांधों द्वारा बडी मात्रा में जिहाद करने की धमकी का पत्र

देवद (पनवेल) के सनातन के आश्रम में २४ अप्रैल को धर्मांधों की ओर से डाक के द्वारा ऊर्दूमिश्रित हिन्दी भाषा में धमकी का गुमनाम पत्र मिला है । इस पत्र में धर्मांधों ने बडी मात्रा में जिहाद की धमकी दी है । लोकसभा चुनाव की पृष्ठभूमिपर आचारसंहिता लागू होने के समय ही ऐसा पत्र मिलना बहुत गंभीर बात है ।

(कहते हैं) ‘हत्या में सहभागी सनातन के कार्यकर्ताआें को पकडकर भी सनातन संस्थापर प्रतिबंध लगाया नहीं जाता !’

डॉ. नरेंद्र दाभोलकर, र्का. पानसरे, प्रा. कलबुर्गी तथा पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या में सहभागी सनातन कार्यकर्ताआें को पुलिस विभाग ने पकडा है ।

(कहते हैंं) हिंसावादी सनातन संस्था पर प्रतिबंध क्योंं नहीं लगाया जाता ?

अब पुरोगामी विचारकों की हत्याओं के लिए उत्त्तरदायी अपराधियों का रहस्य स्फोट हो रहा है । सनातन संस्था से उनकी सांठगाठ सिद्ध हो रही है ।

(कहते हैंं), कहीें ऐसा तो नहीं कि सनातनवालों ने चूहे एवं घूसों को नहर में छोडा हो

सनातन का इस विषय से कोई संबंध न रहते हुए भी टीवी-९ के प्रतिनिधि ने कहा कि कहीं ऐसा तो नहीं कि ये चूहे, घूस एवं खेकडे पाकिस्तान से आए हो ।

(कहते हैं) राजनीतिक दलों को उग्रमतवादी संगठनों के दूर रहना चाहिए ! – चेल्लाकुमार, सचिव, अखिल भारतीय कांग्रेस समिति

राजनीतिक संगठन उग्रमतवादी संगठनों से दूर रहें, तो चाहे वह कोई आध्यात्मिक संगठन हो अथवा अन्य किसी भी प्रकार का संगठन हो ।

(कहते हैं) सनातन के गोवा स्थित अड्डे का अन्वेषण करें !’

अंनिस के डॉ. नरेंद्र दाभोलकर, कॉ. गोविंद पानसरे, कलबुर्गी एवं गौरी लंकेश की हत्या सनातन द्वारा हुई है, ऐसा अन्वेषण तंत्र से स्पष्ट हुआ है ।

विश्‍वसनीयता गंवा चुके प्रचारमाध्यम कहते हैं लोकतंत्र का चौथा स्तंभ !

कुछ पत्रकारों ने आप केवल कोड शब्द बताएं । आगे की स्टोरी हम बनाते हैं, ऐसा कहा ।

सनातन संस्था, साधक और हिन्दू जनजागृति समिति के कार्यकर्ताआें की अपकीर्ति करनेवाले प्रचारमाध्यम और आधुनिकतावादियों को कानूनी कार्यवाही हेतु नोटिस

टीवी ९ मीडिया के मुख्य संपादक और संचालक को सनातन संस्था ने कौन-कौन अंडरग्राऊंड ? अभय वर्तक, प्रवक्ता, सनातन; विवेक नाफडे, प्रवक्ता, सनातन और अन्य संदिग्ध देश छोडकर फरार होने की गहन संभावना बताई जा रही है, यह झूठा समाचार प्रसारित करने के लिए कारण बताओ नोटिस दिया है ।

सनातन पर प्रतिबंध की मांग अर्थात हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों को समाप्त करने का साम्यवादियों का षड्यंत्र !

पिछले अनेक वर्षों से भारत में वामपंथी आंदोलन के नेताआें ने आधुनिकतावादी, समाजवादी कार्यकर्ताआें का बुरखा ओढकर समाज में साम्यवादी विचार फैलाने का कार्य किया है ।