(कहते हैंं) हिंसावादी सनातन संस्था पर प्रतिबंध क्योंं नहीं लगाया जाता ?

राष्ट्र एवं धर्म के लिए निःस्वार्थ मानसिकता से कार्य करनेवाली सनातन ने हिंसा करने का एक तो उदाहरण धनंजय मुंडे को बताना चाहिए ! हत्या, बलात्कार, भ्रष्टाचार जैसे गंभीर अपराधों के आरोप राष्ट्रवादी कांग्रेस के कार्यकर्ताओं पर लगाए गए हैं । ऐसे पक्ष के नेता द्वारा एक भी अपराध न लगनेवाली सनातन संस्था पर प्रतिबंध लगाने की मांग करना हास्यजनक ही है !

मुंबई  – अब पुरोगामी विचारकों की हत्याओं के लिए उत्त्तरदायी अपराधियों का रहस्य स्फोट हो रहा है । सनातन संस्था से उनकी सांठगाठ सिद्ध हो रही है । तब भी इस हिंसावादी संगठन पर प्रतिबंध क्यों नहीं लगाया जाता ? कांग्रेस के नेता एवं विधान परिष्द के विपक्ष नेता धनंजय मुुंडे ने २८ सितंबर को ऐसा ट्वीट किया है । ५६ इंच की छातीवालों के लिए ५६ प्रश्नों के स्पष्टीकरण की मांग करते हुए यह प्रश्न भाजपा को किया गया है । (आतंकवाद विरोधी पथक के अतिरिक्त पुलिस महासंचालक अतुलचंद्र कुलकर्णी ने इससे पूर्व ही पत्रकार परिषद मेंं स्पष्ट किया है कि अबतक के अन्वेषण में सनातन संस्था का नाम नही आया है । गृहराज्यमंत्री ग्रामीण दीपक केसरकर ने भी स्पष्टीकरण देते हुए कहा है कि अन्वेषण मेंं किसी भी प्रकार से सनातन संस्था का हाथ होने की बात सिद्ध नहीं हुई है । विधान परिषद के विपक्ष नेता का महत्वपूर्ण पद संभालनेवाले धनंजय मुंडे को इस बात की जानकारी नहीं है, ऐसा कहना कैसे संभव है । इसलिए पुनः पुनः सनातन पर प्रतिबंध लगाने की मांग कर मुसलमानों का तुष्टीकरण करने का एककलमी कार्यकम कांग्रेस एसं राष्ट्रवादी कांग्रेस के नेताओं ने आरंभ किया है ऐसा ही कहना होगा ।-संपादक)

स्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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