सनातन के देवद (पनवेल) के आश्रम में धर्मांधों द्वारा बडी मात्रा में जिहाद करने की धमकी का पत्र

सनातन की ओर से पुलिस थाने में परिवाद प्रविष्ट

  • धर्मांधों की इन धमकियों के विषय में क्या मुसलमानप्रेमी आधुनिकतावादी, तथाकथित विचारक, हिन्दूद्वेषी प्रसारमाध्यम और शासनकर्ता कुछ कहेंगे ?

  • हिन्दुओं, धर्मांधों द्वारा जिहाद की दी जा रही धमकियों को जान लें और उससे अपनी रक्षा हेतु समय रहते ही संगठित होकर तथा धर्मशिक्षा लेकर हिन्दू राष्ट्र की स्थापना करें !

पनवेल : देवद (पनवेल) के सनातन के आश्रम में २४ अप्रैल को धर्मांधों की ओर से डाक के द्वारा ऊर्दूमिश्रित हिन्दी भाषा में धमकी का गुमनाम पत्र मिला है । इस पत्र में धर्मांधों ने बडी मात्रा में जिहाद की धमकी दी है । लोकसभा चुनाव की पृष्ठभूमिपर आचारसंहिता लागू होने के समय ही ऐसा पत्र मिलना बहुत गंभीर बात है ।

इस पत्र के आरंभ में ‘बिसमिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम’ तथा ‘अस्सलाम वालैकुम’ तथा पत्र के अंत में ‘इस्लाम जिंदाबाद’, ‘कौमी एकता जिंदाबाद’, ‘अल्लाहू अकबर’, ‘अल्लाह हाफिज’, लिखा गया है । पत्रपर चांद-तारे के चिन्ह भी हैं ।

सनातन की ओर से इस पत्र के संदर्भ में खांदेश्‍वर पुलिस थाने में परिवाद प्रविष्ट कर यह मांग की गई है कि ‘इस पत्र में सनातन धर्म की अत्यंत नीचले स्तर की आलोचना की गई है, साथ ही धर्म का कार्य करनेवाली इस संस्था को धमकाया गया है । इस पत्र के माध्यम से २ धर्मों में तनाव उत्पन्न करने का प्रयास किया गया है । अतः यह पत्र किस डाक कार्यालय से प्राप्त हुआ है, साथ ही उस डाक कार्यालय के आजूबाजू के सीसीटीवी छायाचित्रों (कैमरे) की पडताल कर इसकी जांच की जाए । इस पत्र को भेजनेवाले अज्ञात लोगों के विरुद्ध धारा २९५ अ एवं १५३ अ अथवा तत्सम आवश्यक धाराओं के अनुसार अपराध प्रविष्ट किया जाए । इस पत्र का संज्ञान लेकर दोषियों को कठोर दंड दिया जाए ।

इस पत्र में विद्यमान कुछ सूत्र निम्न प्रकार से हैं –

१. हमारा उद्देश्य अच्छा होते हुए भी हमें इस देश में पहले से ही बाहरी माना जाता है । (उद्देश्य यदि अच्छश होता, तो किसी के द्वारा बाहरी समझे जाने का प्रश्‍न ही नहीं उठता; किंतु जिनकी निष्ठा पाकिस्तान के साथ है और जिन्हें इस देश को इस्लामीस्तान बनाना है, उनका उद्देश्य शुद्ध कैसे हो सकता है ? – संपादक) हमें गद्दार कहा जाता है ।

विश्‍व के सभी मुसलमान यह जानते हैं कि हिन्दुस्थान काफिरों का देश है । ये काफिर हिन्दू अपने ही देश के मुसलमानों को अपने पैरोंतले कुचलते हैं । इस्लाम के मार्गपर अग्रसर हमारे जिहादी मुसलमान  भाईयों को आतंकी समझकर मारा जाता है । (अभीतक जिहादी आतंकियों द्वारा इस देशपर किए गए आक्रमणों को देखते हुए तथा कश्मीर के साथ देशभर के हिन्दुओं के किए गए नरसंहार को देखते हुए कौन किसे अपने पैरोंतले कुचल रहा है, यह छोटा बच्चा भी बता सकता है ! – संपादक)

२. यहां रहनेवाले बांग्ला देशी और रोहिंग्या मुसलमानों के साथ अन्याय किया जाता है । (घुसपैट कर भारत की सभी सुविधाओं को हडपनेवाले और भारतीयों के साथ ही अत्याचार करनेवाले बांग्ला देशी घुसपैटी और रोहिंग्याओं का समर्थन करनेवाले ऐसे धर्मांध क्या कभी इस देश में शांति स्थापित होने देंगे ? – संपादक) हमारे प्रेम को ‘लव जिहाद’ का नाम देकर हमें अपकीर्त किया जाता है । मुसलमानों को और कितना सहना पडेगा ?

३. सच्चे मुसलमान केवल बलपूर्वक अपना अधिकार लेना जानते हैं । अल्लाह ने मुसलमानों को यह आदेश दिया है कि हम सभी मुसलमान भाईयों को अपने लक्ष्य की ओर अग्रसर होकर जिहाद के लिए सिद्ध होना चाहिए ।

४. सभी सामाजिक एवं अन्य प्रसारमाध्यमों में यह देखा जाता है कि हिन्दुस्थान के प्रत्येक क्षेत्र में रहनेवाले मुसलमान अपनी शक्ति बढाने में जुटे हैं । हमने देश के विविध भागों में अपना स्थान बनाया है । (हिन्दुओं, इस संकट को जान लीजिए और स्वयं की रक्षा हेतु संगठित होकर स्वरक्षा प्रशिक्षण लीजिए ! – संपादक)

५. हमारे जिहादियों ने कश्मीर में आपको कैसे बाहर का मार्ग दिखाया है, इसे आप भूल रहे हैं । अब काफिरों को वहां कभी नहीं आने दिया जाएगा । इसे तो छोडिए; परंतु बांग्ला देश और पाकिस्तान में काफिरों के साथ किस प्रकार से व्यवहार किया जाता है, यह आप काफिरों को ज्ञात ही होगा । खबरदार काफिरों, अब आपकी शामत आ गई है ।

६. आप को मिटाने के लिए हम मुसलमान भाई आपपर कहर बनकर टूट पडनेवाले हैं । आपका जो मजाकिया हिन्दू धर्म है, उसे हमारे मुजाहिदी भाई खोखला बनाकर उसे पूर्णरूप से मिटाने के पीछे पडे हैं । हमें जो ज्ञात है, वह आपको भी ज्ञात होगा ही !

७. देहली से लेकर हैदराबादतक, जम्मू-कश्मीर से लेकर असमतक और पश्‍चिम बंगाल से लेकर केरलतक करोडों की संख्या में फैले मुसलमान भाई सच्चे मुसलमान बनने के अपने कर्तव्य का निर्वहन कर रहे हैं । भले ही हम आपको अलग दिखते हों; किंतु हम सभी एक हैं और यही हमारी शक्ति और धैर्य है, जिसे कोई तोड नहीं सकता । वह दिन अब दूर नहीं, कि जब चारों ओर से आपको इस्लाम ऽ इस्लाम सुनाई देगा ।

८. आपके आतंकियों ने बाबरी मस्जिद की बलि चढाई; परंतु आप अभीतक उस भूमिपर आपके राममंदिर का निर्माण नहीं कर सके और न कभी कर भी सकेंगे । यह आप काफिरों के गालपर हमारा करारा तमाचा है । (इस विषय में भाजपा सरकार और बडे हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों का क्या कहना है ? – संपादक)

९. हमें यह ज्ञात है कि हमारा यह युद्ध बहुत बडा और कांटोंभरा है । यह अल्ला का मार्ग है और इस मार्गपर हंसते-हंसते बलि चढ गए, तब भी हमें कोई शिकायत नहीं है और दुख भी नहीं है । एक सच्चा मुसलमान अपना धर्म और समुदाय को अपने प्राणों को हाथपर लिए आगे चलता है । (मुसलमान अपने धर्म के लिए अपना बलिदान देने के लिए भी सिद्ध होते हैं; परंतु कितने हिन्दू अपने हिन्दू धर्म की रक्षा के लिए इस प्रकार से विचार करते हैं ? हिन्दुओं में धर्मशिक्षा का और संगठन का अभाव होने के कारण ही वे धर्मांधों के हाथों बार-बार मार खाते हैं ! – संपादक)

१०. हम आप काफिरों को हमारी शय्यापर लेकर उनका पूर्ण उपयोग करेंगे । (हिन्दुओं, अपनी माता-बहनों की रक्षा हेतु सिद्ध हों ! – संपादक)

११. कांग्रेस, सपा, बसपा, तृणमूल कांग्रेस ये सभी हमारे ही हैं । वे हमारी जिहाद के शुद्ध उद्देश्य को देखते हुए सर्वत्र हमारी सहायता के लिए बैठे हुए हैं । आप काफिरों को यह ज्ञात है कि आप हमारा कुछ नहीं बिगाड सकते । संपूर्ण देश के सभी मुसलमान एक हैं और संपूर्ण देश का पुलिस बल हमारा कुछ नहीं बिगाड सकता । (इससे धर्मांधों को देश के पुलिस बल से कोई भय नहीं लगता, यही ध्यान में आता है ! ऐसे पुलिसकर्मी हिन्दुओं की क्या रक्षा करेंगे ? – संपादक)

१२. काफिरों, ध्यान में रखें कि संपूर्ण हिन्दुस्थान में कोई भी हमारा कुछ नहीं बिगाड सकता और हमै अपना खेल खेलकर रहेंगे । हम मुसलमान आप काफिरोंपर कहर बनकर टूट पडेंगे । आप आज से ही अपनी मृत्यु की घटिका गिनना आरंभ करें । आप के लिए कयामत आनेवाली है । (भारत में धर्मांधों का तुष्टीकरण किए जाने के कारण ही वे इस प्रकार से धमकाने का साहस रखते हैं ! – संपादक)

स्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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