५१ शक्तिपिठों मेंसे एक श्रीक्षेत्र काशी (उत्तरप्रदेश) की श्री बंदीदेवी

श्रीक्षेत्र काशी के दशाश्वमेध किनारे पर श्री बंदीदेवी का मंदिर है । यह देवी ५१ शक्तिपिठों मेंसे एक है । देवी के दायी ओर वेणीमाधव, बायी ओर दो मारुति, अक्षत वड, वासुकी(नाग) तथा बीच में प्रयागेश्वर की प्रतिमा हैं ।

झारखंड स्थित विश्वविख्यात श्री छिन्नमस्तिका देवी का अति प्राचीन मंदिर !

झारखंड की राजधानी रांची से ८० किलोमीटर दूर रामगढ जनपद के रजरप्पा गांव में श्री छिन्नमस्तिका देवी का विश्वविख्यात मंदिर है । भारत के अनेक प्राचीन मंदिरों में एक  यह मंदिर, भैरवी तथा दामोदर इन नदियों के संगम पर स्थित है ..

श्रद्धा एवं भक्ति का उत्कट दर्शन करानेवाली जगन्नाथ रथयात्रा !

विश्‍वविख्यात पुरी की जगन्नाथ रथयात्रा अर्थात् भगवान श्री जगन्नाथ (विश्‍वउद्धारक भगवान श्रीकृष्ण) के भक्तों के लिए एक महान आैचित्त्य है ! पुरी का मंदिर कलियुग के चार धामों में से एक है । यह विश्‍व की सबसे महान यात्रा है । लक्षावधी विष्णुभक्त यहां इकठ्ठा होते हैं । इस स्थान की विशेषता यह है कि,…

प्रभु श्रीराम के चरणस्पर्श से पावन हुए चित्रकूट पर्वत के दर्शन !

प्रभु श्रीराम, १४ वर्ष का वनवास समाप्त कर और रावण को पराजित कर, चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को अयोध्या लौटे थे । तब अयोध्यावासियों ने नगर को तोरण-पताकाआें से सजाकर उनका आनंदपूर्वक स्वागत किया था ।

पाकिस्तान में है भक्त प्रल्हाद का मंदिर, जहां हुई थी होली की शुरुआत !

भक्त प्रल्हाद ने भगवान नृसिंह के सम्मान में एक मंदिर बनवाया था जो वर्तमान में पाकिस्तान स्थित पंजाब के मुल्तान शहर में है। इसे प्राचीनकाल में श्रीहरि के ‘भक्त प्रल्हाद का मंदिर’ के रूप में जाना जाता था। इस मंदिर का नाम प्रल्हादपुरी मंदिर है।

दो हिस्सों में बंटा है ये अर्द्धनारीश्वर शिवलिंग, शिवरात्रि पर हो जाता है दोनों का मिलन

यूं तो संपूर्ण भारत में ही शिव के अनेक मंदिर हैं किंतु उत्तराखंड और हिमाचल के पर्वतीय क्षेत्रो में ऐसे कई चमत्कारी मंदिर हैं, जहां श्रद्धालु भोलेनाथ को नमन करने के अलावा उस मंदिर से जुड़ी प्राचीन व अलौकिक मान्यताओं के कारण भी दर्शन करने आते हैं।

राजस्थान : भगवान लक्ष्मण के इस चमत्कारिक मंदिर को बचाने के लिए भक्तों ने लगार्इ न्यायालन से गुहार !

यहां भगवान लक्ष्मण का मंदिर है। इस मंदिर से चमत्कार की घटनाएं भी जुड़ी हुई हैं। भगवान के नाम सालों पहले १६ बीघा देवस्थान माफी मंदिर की जमीन थी। यह जमीन किसी व्यक्ति के नाम हस्तांतरित नहीं हो सकती,

२२२ सालों से लगातार जल रहा है रघुनाथ मंदिर का दीपक

अहमदाबाद में एक तेल का दीया ऐसा भी है जो पिछले २२२ वर्षाें से लगातार जल ही रहा है । गोस्वामी हवेली पर नटवर प्रभु और श्यामल जी के वैष्णव मंदिर पर जल रही इस अखंड ज्योति पर सभी समुदाय और जाति के लोगों का विश्वास है ।

पाताल तक जाता है इस शिवलिंग पर चढाया गया जल, यहां लक्ष्मण को दिए थे महादेव ने दर्शन !

भगवान शिव के कई प्राचीन मंदिर अत्यंत रहस्यमय भी हैं। छत्तीसगढ़ के खरौद नगर में स्थित एक प्राचीन मंदिर में जिस शिवलिंग की पूजा की जाती है, उसके बारे में मान्यता है कि यहां से एक मार्ग पाताल तक जाता है।

यहां फेरे लेकर भगवान शिवजी ने किया था माता पार्वती से विवाह, आज भी जल रही वो अग्नि

भगवान शिवजी को पत‌ि रूप में पाने के ल‌िए देवी पार्वती ने कठोर तपस्या की थी। देवी पार्वती की कठोर तपस्या के बाद भगवान शिव ने उनके विवाह के प्रस्ताव को स्वीकार कर दिया। भगवान शिवजी और देवी पार्वती का विवाह उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में हुआ था।