समलैंगिकता हिन्दू धर्मशास्त्रानुसार पाप ! – चेतन राजहंस, प्रवक्ता, सनातन संस्था
अपने धर्मग्रंथों के अनुसार मानव का विकास संस्कृति की दिशा में होना चाहिए न कि विकृति की दिशा में ।
अपने धर्मग्रंथों के अनुसार मानव का विकास संस्कृति की दिशा में होना चाहिए न कि विकृति की दिशा में ।
विद्यमान धर्मनिरपेक्ष लोकशाही की रचना ही मूल हिन्दूविरोधी तथा अल्पसंख्यकप्रेमी है । भारतीय राज्यघटना द्वारा अल्पसंख्यंकों को सुरक्षा दी गई है ।
देश में सुधार लाने के लिए हिन्दुआें द्वारा चुने हुए शासनकर्ता अब हिन्दुआें के ही मूलपर उठ गए हैं । केंद्र की सरकार अनुसूचित जाती तथा जनजातियों के लिए विधि बनाकर सामाजिक अराजक फैला रही है ।
सनातन संस्था की देहली की प्रवक्ता कु. कृतिका खत्री ने आवाहन करते हुए कहा, ‘‘हिन्दू धर्म और राष्ट्रपर आघात किए जा रहे हैं । लव जिहाद की समस्या अधिक गंभीर है । इसका मूल कारण धर्मशिक्षा का अभाव है ।
‘श्री गणेश पूजा एवं आरती’ इस ‘एंड्रॉईड एॅप’ का उद्घाटन यहां सनातन के आश्रम में परात्पर गुरु पांडे महाराजजी के शुभहस्तों १२ अगस्त को हुआ ।
कुछ गणेशोत्सव मंडल के कार्यकर्ता गणेशोत्सव के लिए फिरौती लेने की भांति चंदा इकट्ठा करते हैं ।
मुलुंड तथा वसई, साथ ही नई मुंबई के खारघर में आयोजित गुरुपूर्णिमा महोत्सव में सुबह के सत्र में साधकों को साधना के विषय में मार्गदर्शन किया गया, साथ ही गुणी छात्र तथा जिज्ञासुआें के लिए मार्गदर्शन का आयोजन किया गया ।
‘यदि व्यक्ति के जीवन में धर्म नाम के चैतन्य का अभाव रहेगा, तो असुरी वृत्ति की एक प्रभावळ इस विश्व में निर्माण होगी । यह प्रभावळ देशविघातक सिद्ध होगी, उसके लिए परात्पर गुरु डॉ. जयंत आठवलेजी की प्रेरणा से निर्माण हुए सनातन संस्था के समान एक विशाल कल्पवृक्ष की इस विश्व को अत्यंत आवश्यकता है ।
हिन्दू जनजागृति समिति तथा सनातन संस्था की ओर से १ जुलाई को दैनिक सनातन प्रभात के वाचक, हितचिंतक,अर्पणदाता इन सभी के लिए ‘साधनावृद्धि शिविर’ का आयोजन किया गया था ।
म्हापसा में २४ से ३० जून इस कालावधी में संपन्न हुए निःशुल्क आयुर्वेदीक न्यूरो थेरपी वैद्यकीय शिविर में सामाजिक कर्तव्य के रूप में सेवाभावी वृत्ती से साqम्मलित हुए वैद्यों ने २ जुलाई को यहां के सनातन के आश्रम को सदिच्छा भेंट की ।