सनातन संस्था एवं हिन्दू जनजागृति समिति द्वारा धर्मशिक्षा फलक और ग्रंथप्रदर्शनी कक्ष का उद्घाटन !

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सनातन के ग्रंथ का लोकार्पण करते हुए (बाएं से) श्रद्धेयप्रवर पूज्य गुणप्रकाश चैतन्यजी महाराज, श्रद्धेयप्रवर पूज्य श्री त्रंंबकेश्‍वर चैतन्यजी महाराज व पूज्य डॉ. चारुदत्त पिंगळेजी

सिंहस्थपर्व, उज्जैन (म.प्र.) यहां के उजाडखेडा हनुमान मंदिर के पास सनातन संस्था एवं हिन्दू जनजागृति समिति के संयुक्त तत्त्वावधान में लगाए गए धर्मशिक्षा फलक और ग्रंथप्रदर्शनी कक्ष का उद्घाटन कार्यक्रम, अखिल भारतवर्षीय धर्मसंघ और स्वामी करपात्री फाऊंडेशन के श्रद्धेयप्रवर पूज्य श्री त्र्यंबकेश्वर चैतन्यजी महाराज के करकमलों द्वारा २३ अप्रैल को संपन्न हुआ ।

इस अवसर पर कॉम्पोनेंट्स रिक्वायर्ड फॉर कुकिंग मील, सनातन संस्था के इस अंग्रेजी ग्रंथ का प्रकाशन किया गया । श्रद्धेयप्रवर पूज्य गुणप्रकाश चैतन्यजी महाराज, हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय मार्गदर्शक पूज्य डॉ. चारुदत्त पिंगळेजी, उज्जैन नगरपालिका के सभापति श्री. सोनू गेहलोत, उज्जैन नगरपालिका के भूतपूर्व महापौर और कुंभमेला संत सत्कार समिति के अध्यक्ष श्री. प्रकाश चित्तौडा, हिन्दू शौर्य जागरण अभियान के अध्यक्ष श्री. कैलाश शर्मा आदि मान्यवर उपस्थित थे ।

सनातन संस्था का कार्य धर्मानुरूप है !
– श्रद्धेयप्रवर पूज्य गुणप्रकाश चैतन्यजी महाराज

सदा भव सनातन का अर्थ है, जो सदैव सनातन है । ब्रह्मा-विष्णु-महेश सनातन हैं । इसी प्रकार सनातन संस्था है । यह संस्था ऋषि और महर्षियों की है । संस्था का कार्य धर्मानुरूप चल रहा है ।

राष्ट्रीय चेतना जागृत करने हेतु ही राष्ट्ररक्षा एवं
धर्मजागृति प्रदर्शनी का आयोजन ! – पूज्य डॉ. चारुदत्त पिंगळेजी

भ्रष्टाचार और अनैतिकता के साथ-साथ धर्म के नाम पर सर्वत्र अनाचार बढ गया है । ऐसी स्थिति में इस देश तथा धर्म का सर्वांग, हिन्दू समाज धार्मिक दृष्टि से जागृत होना और उसमें राष्ट्रीय चेतना जगाना महत्त्वपूर्ण है । इसीलिए सिंहस्थक्षेत्र में राष्ट्ररक्षा एवं धर्मजागृति प्रदर्शनी का आयोजन किया गया है ।

सनातन संस्था समाज को दिशा देने
का कार्य कर रही है ! – श्री. सोनू गेहलोत

सनातन संस्था का कार्य घनघोर अंधेरी रात में एक दीपक समान है । वर्तमान की अनेक संस्थाएं पहले अपना विचार करती हैं; परंतु सनातन संस्था धर्म द्वारा समाजव्यवस्था अच्छी बनाने के लिए अथक प्रयास कर रही है । संख्यात्मक दृष्टि से छोटी होने पर भी उसके विचार और कार्य विशाल हैं ।

संस्था का उद्देश्य पवित्र होने से उनका ध्येय
निश्‍चित सफल होगा ! – श्री. प्रकाश चित्तौडा

सनातन संस्था हिन्दुआें को संगठित करने का कार्य कर रही है । संस्था के अनुशासन तथा पवित्र उद्देश्य के कारण ही उनका ध्येय निश्‍चित सफल होगा । सनातन संस्था एवं हिन्दू जनजागृति समिति द्वारा देश, राष्ट्र्र और हिन्दुत्व हेतु किया जा रहा त्याग अनुकरणीय है ! – श्री. अरविंद जैन, सचिव, हिन्दू शौर्य जागरण अभियान

सनातन धर्म, परंपरा, हिन्दुत्व आदि की रक्षा के लिए
हिन्दू- संगठन आवश्यक ! – पूज्य श्री त्रंबकेश्‍वर चैतन्यजी महाराज

आज राष्ट्र में अराजकता का वातावरण है । वर्तमान भारतीय समाज आशा-निराशा के सागर में गोते लगा रहा है । ऐसी स्थिति में सनातन धर्म, परंपरा, हिन्दुत्व आदि की रक्षा के लिए सभी हिन्दुआें को संगठित होना आवश्यक है । संघे शक्ति कलौःयुगे ।, इस वचनानुसार, एकत्र आना काल की आवश्यकता है ।

उपस्थित अन्य मान्यवर

* गोरक्षा दल अध्यक्ष श्री. राकेश वानवट
* लेखापरीक्षक एवं रामलीला समिति के श्री. प्रशांत शर्मा
* सक्षम संस्था के अध्यक्ष श्री. सुभाष पालीवाल
* राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के श्री. अवधूत काळे

सनातन की प्रदर्शनी पर भृगुसंहिता का वाचन !

सिंहस्थपर्व में लगी सनातन की प्रदर्शनी पर २२ अप्रैल को सवेरे ९.१५ बजे भृगु नाडी पट्टी के साथ होशियारपुर (पंजाब) के भृगु संहिता वाचक डॉ. विशाल शर्मा और नाथद्वारा (राजस्थान) के डॉ. सुनील चोप्रा का आगमन हुआ । आरती तथा पुष्पवृष्टि कर भृगु नाडी का स्वागत किया गया । तदुपरांत दोपहर १.३५ से २.३० तक नाडी का वाचन हुआ । डॉ. शर्मा ने भृगु नाडी का एक पृष्ठ (अर्थात साक्षात भृगुऋषि की देह) सनातन आश्रम में यह कहकर भेजने के लिए दिया कि प्रतिदिन मस्तक से इसे स्पर्श करें । इससे सनातन के ग्रंथों का समाज में प्रसार होगा !

क्या है भृगु संहिता ?

महर्षि भृगु और उनके पुत्र शुक्राचार्य में हुआ संवाद गुरु बृहस्पति ने सत्ययुग में लिखकर रखा था जिसे भृगु संहिता कहते हैं । हिन्दू राष्ट्र आने तक भृगु संहिता के माध्यम से साक्षात भृगु महर्षि ही सनातन के साधकों का समय-समय पर मार्गदर्शन करेंगे ।

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