धमतरी (छत्तीसगड) : धर्मजागर समन्वय विभाग द्वारा आयोजित धर्मसभा में सनातन संस्था का उत्स्फूर्त सहभाग !

श्रीमती क्षिप्रा जुवेकर ने यह प्रतिपादित किया कि, ‘१०० करोड हिन्दुओं के देश मे हिन्दुओं की भावनाओं को कुछ भी महत्त्व न होने के कारण हिन्दु धर्म पर पृथक संकट आ रहे हैं । गोहत्या, लव जिहाद, आतंकवाद के समान समस्याओं के कारण हिन्दुओं की अवस्था बिकट हुई है ।

सनातन के आश्रमों के नवीकरण से संबंधित निर्माण कार्य की सेवाआें के लिए निम्न ‘सेफ्टी इक्विपमेंटस्’ (सुरक्षा उपकरण) देकर राष्ट्र-धर्म के कार्य के लिए सहायता करें !

राष्ट्ररक्षा एवं धर्मजागृति हेतु प्रतिबद्ध रहकर प्रभावशाली कार्य करनेवाली सनातन संस्था एकमात्र संगठन है । विविध स्थानोंपर सनातन संस्था के आश्रम तथा सेवाकेंद्र हैं । उनका नए सिरे से निर्माण कार्य, साथ ही नवीकरण चल रहा है ।

धर्म की रक्षा करना भी धर्माचरण ही है ! – श्री. चेतन राजहंस, राष्ट्रीय प्रवक्ता, सनातन संस्था

‘सुख का मूल धर्म के आचरण में है तथा धर्म का आचरण करने के साथ उसकी रक्षा करने के प्रयास करना भी धर्माचरण ही है । धर्म यह कहता हैै कि, मनुष्यजन्म की सार्थकता ईश्वरप्राप्ती में है; इसलिए हमें ईश्वरप्राप्ती के लिए प्रतिदिन साधना करनी चाहिए ।’

नगर में धर्मरथ में आयोजित सनातन की प्रदर्शनी का भाजपा सांसद दिलीप गांधी द्वारा अवलोकन

चैतन्य के स्त्रोत, सनातन के अमूल्य तथा भावस्पर्शी ग्रंथ एवं सनातन की सात्त्विक उत्पादों का धर्मरथ ३ मार्च को गांधी मैदान में आया था । इस धर्मरथ का अवलोकन भारतीय जनता दल के सांसद श्री. दिलीप गांधी, नगरसेवक सुवेंद्र गांधी, नितीन शेलार, भैया गंधे, भाजपा व्यापारी आघाडी मोर्चा शहर जिलाध्यक्ष अविनाश साखळे ने किया ।

सनातन आश्रम में दत्तमाला के मंत्र जपते समय आश्रम परिसर में हुआ वैशिष्ट्यपूर्ण प्राकृतिक परिवर्तन

दत्तमाला मंत्र’ का पाठ प्रारंभ करने पर सनातन आश्रम के परिसर में गूलर के ५८ पौधे उगना और ये पौधे अर्थात प.पू. डॉक्टरजी के आसपास सुरक्षा-कवच निर्माण होने का द्योतक है, ऐसा योगतज्ञ दादाजी वैशंपायनजी ने बताया

पुुणे में सनातन संस्थाद्वारा खडकवासला जलाशय रक्षा अभियान सफलतापूर्वक संपन्न !

हिन्दू संस्कृति में निहित प्रत्येक त्योहार, उत्सव और व्रत पर्यावरणपूरक तथा आध्यात्मिक उन्नति के लिए पोषक हैं; परंतु सर्वसामान्य लोगों को त्योहार-उत्सवों का धर्मशास्त्र ज्ञात न होने से इन उत्सवों में अप्रिय घटनाआें की घुसपैट होने का दिखाई देता है ।

जगद्गुुरु संत तुकाराम महाराज का सदेह वैकुंठगमन होने के तात्कालीन संदर्भ !

जगद्गुरु श्री संत तुकाराम महाराज का सदेह वैकुंठगमन हुआ । उनको वैकुंठ ले जाने के लिए स्वयं भगवान ही वैकुंठ से पधारे और उन्होंने उनको सदेह वैकुंठ ले जाया । यह त्रिवार सत्य है; परंतु कुछ आधुनिकतावादी लोग, हिन्दू धर्म विध्वंसक संगठन ‘तुकाराम महाराज का सदेह वैकुंठगमन नहीं हुआ, अपितु उनकी हत्या की गई’, ऐसा दुष्प्रचार कर रहे हैं ।

धर्मरथ का उद्घाटन तथा धर्मरथ में व्याप्त चैतन्य के कारण विहंगम प्रसार

यहां के श्री साईमंदिर के सामने सनातन संस्था द्वारा प्रकाशित अमूल्य ग्रंथ तथा सात्त्विक उत्पादों के धर्मरथ की प्रदर्शनीयां लगाई गईं । धर्मकार्य के प्रति रूचि रखनेवाले निर्दलीय पार्षद श्री. धनराज भोंगळे ने श्रीफल समर्पित कर इस प्रदर्शनी का उद्घाटन किया ।

वणी में सनातन संस्था निर्मित धर्मरथ के माध्यम से विहंगम अध्यात्मप्रसार !

यहां के श्री साईमंदिर के सामने सनातन संस्था द्वारा प्रकाशित अमूल्य ग्रंथ तथा सात्त्विक उत्पादों के धर्मरथ की प्रदर्शनीयां लगाई गईं । धर्मकार्य के प्रति रूचि रखनेवाले निर्दलीय पार्षद श्री. धनराज भोंगळे ने श्रीफल समर्पित कर इस प्रदर्शनी का उद्घाटन किया ।

प्रत्येक व्यक्ति शंकराचार्य श्री जयेंद्र सरस्वती बताए तत्त्वज्ञान के अनुसार आचरण करे

सनातन संस्था के संस्थापक, परात्पर गुरु डॉ. जयंत बाळाजी आठवलेजी ने, कांची कामकोटि पीठ के जगदगुरु शंकराचार्य श्री जयेंद्र सरस्वतीजी के देहावसान के पश्चात उनके उत्तराधिकारी शंकराचार्य परम पूज्य श्री शंकर विजयेंद्र सरस्वतीजी को पत्र लिखा |