यह पाठशालाओं के लिए लज्जाजनक है !

‘विद्यार्थियों को निजी अनुशिक्षा वर्ग (ट्यूशन) में जाना पडता है, यह पाठशालाओं के लिए अत्यन्त लज्जाजनक है । गुरुकुल काल में निजी अनुशिक्षा वर्ग नहीं थे ।’

– सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवले

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