धर्मबंधन का महत्त्व

‘व्यक्तिगत स्वतंत्रता के कारण मानव भटकता जाता है; क्योंकी वह सात्विक नहीं । ऐसा ना हो; इसके लिए धर्मबंधन आवश्यक है !’

– (परात्पर गुरु) डॉ. जयंत आठवले

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