शोकांतिका घूस लेनेवालों की !

‘पहले घूस (रिश्वत) लेनेवाले को खोजना पडता था, अब घूस न लेनेवाले को खोजना पडता है !’

– परात्पर गुरु) डॉ. जयंत आठवले

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