बुद्धिप्रमाणवादी एवं कुंडलिनी शक्ति !

‘साधना करने पर कुंडलिनी शक्ति जागृत होती है । अभी तक के युगों में लाखों साधकों ने यह अनुभव किया है; परंतु साधना पर विश्वास न रखनेवाले बुद्धिप्रमाणवादी साधना किए बिना ही कहते हैं, ‘कुंडलिनी दिखाओ, नहीं तो वह है ही नहीं !’

– सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवले

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